शशि थरूर ने कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के लिए इस नेता को बताया उपयुक्त , क्या इन्हें मिलेगा मौका ?

कांग्रेस के अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफा के दो महीने बाद भी अभी तक कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा तय नहीं हो चुका है। और अभी भी सिर्फ सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं।

पहले नामों को लेकर असमंजस फिर उसके बाद कर्नाटक का सियासी संकट और फिर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन से अब तक CWC की मीटिंग नहीं हो सकी है। जिस कारण से कोई भी बड़ा फेरबदल पार्टी में नही हो सका है।

ऐसे में पार्टी के कई नेता अपनी अपनी बात रख रहे हैं। इसी सिलसिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद नेतृत्व को लेकर ”स्पष्टता की कमी” पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है। कांग्रेस में सुधार का रास्ता यही हो सकता है कि कार्यसमिति सहित पार्टी में सभी महत्वपूर्ण पदों के लिए चुनाव हों, जिससे इनमें चुने जाने वाले नेताओं को स्वीकार्यकता हासिल करने में मदद मिलेगी।

थरूर ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस आकलन का भी समर्थन किया कि इस समय कांग्रेस की कमान किसी युवा नेता को सौंपी जानी चाहिए।

थरूर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव होने पर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इसमें अपनी किस्मत आजमाने को लेकर फैसला करेंगी। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि यह गांधी परिवार का फैसला होगा कि प्रियंका इस पद के लिए चुनाव लड़ेंगी या नहीं।

थरुर ने पार्टी की मौजूदा स्थिति पर असंतोष जताते हुए कहा कि कांग्रेस जिन हालात से गुजर रही है उसका अभी कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही बात है कि पार्टी के शीर्ष पद पर स्पष्टता की कमी संभवत: कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों को नुकसान पहुंचा रही है, इनमें से ज्यादातर पार्टी नेता की कमी महसूस करते हैं जो अहम फैसलों को देखे, कमान संभाले और यहां तक कि पार्टी में नई जान फूंके और उसे आगे ले जाए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जतायी कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) मौजूदा स्थिति को बहुत गंभीरता से ले रही है और वह बिना किसी देरी के समाधान खोजने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सुधार का एक रास्ता यह हो सकता है कि सीडब्ल्यूसी पार्टी के लिए एक अंतरिम कार्यकारी अध्यक्ष का नाम बताए और फिर इसे भंग कर दें। थरूर ने पार्टी अध्यक्ष पद पर चुनाव कराने के लिए ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी की शैली अपनाने का सुझाव दिया जिससे पार्टी में राष्ट्रीय दिलचस्पी बढ़ सकती है तथा वह एक बार फिर और ज्यादा मतदाताओं को अपनी ओर प्रेरित कर सकती है।

तिरुवनंतपुरम से सांसद ने कहा कि प्रियंका गांधी पिछले चुनावों में उत्तर प्रदेश में काम करते हुए वह प्रभावशाली छाप छोड़ने के साथ ही संगठन में अनुभवी नेता के तौर पर उभरी हैं। लेकिन साथ ही राहुल गांधी का यह बयान कि गांधी परिवार के किसी सदस्य को उनका स्थान नहीं लेना चाहिए, उनके इस विकल्प को खारिज करता दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि यह गांधी परिवार पर निर्भर करता है कि वह फैसला करें कि वे इस मुद्दे पर कहां सामूहिक रूप से खड़े होते हैं।

भले ही कांग्रेस का नया अध्यक्ष नहीं चुना गया हो लेकिन एक के बाद एक वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा के बाद प्रियंका गांधी को कमान दिए जाने की वकालत कर रहे हैं। कई नेताओं ने तो गांधी परिवार के सदस्य के अध्यक्ष ना होने पर पार्टी के अंदर टूट की भविष्यवाणी तक कर दी है।

अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि कांग्रेस किसे अपना अगला अध्यक्ष बनाती है और वह पार्टी को इस दौर से कैसे निकालता है क्योंकि पार्टी को मिल रही एक के बाद एक हार से नेताओ और कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी देखी जा रही है।

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