बीजेपी और बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी के एक और झूठ की पोल खुल गई है। जब देश में कोरोना वायरस की संकट छाई हुई है और हर कोई मदद का हाथ बढ़ा रहा है तो ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अपने प्रचार की राजनीति पर उतर आई है और झूठी प्रचार कर सुर्खियों बटोरने में लग गई है इस मामले में अमेठी के सांसद स्मृति ईरानी सबसे आगे दिख रही हैं।
गौरतलब है कि बीजेपी से जुड़े लोगों ने दावा किया था कि स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में अमेठी के फंसे लोगों की मदद की है जिसे केरल के मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया है और इसे झूठी अफवाह बताया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रचार के रूप में उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि वायनाड में अमेठी के रहने वाले फंसे कुछ मजदूरों की मदद के लिए स्मृति ईरानी सामने आईं। गौरतलब है कि वायनाड से कांग्रेस के राहुल गांधी संसद हैं।
बीजेपी द्वारा मीडिया में चलाई जा रही रिपोर्ट के मुताबिक, अमेठी संसदीय क्षेत्र के कुछ मजदूर कमाने के लिए वायनाड में थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते मजदूरी भी बंद हो गई और वे लोग घर भी नहीं लौट सके। जिसके बाद मजदूरों ने मदद के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं से मदद की गुहार लगाई थी।
इसकी खबर मिलते ही स्मृति ईरानी फूड पैकेट के साथ-साथ अन्य राहत सामग्री भी भेजकर हर परिस्थिति में साथ खड़े रहने के लिए आश्वस्त भी किया है।
आरएसएस के मुखपत्र ‘आर्गेनाइजर’ में में यह रिपोर्ट थी जिसका टाइटल था, ‘स्मृति ईरानी ने अमेठी के मजदूर जो राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में फंसे थे, की मदद की।’ रिपोर्ट में कहा गया कि ईरानी के वक्त रहते एक्शन लेने की वजह से वायनाड के अंतर्गत आने वाले मल्लपुरम में 35 प्रवासी मजदूरों को बचाया गया।
जिसके बाद एनडीटीवी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री पी विजयन ने कोरोना वायरस को लेकर हुई बैठक के बाद मीडिया सामने इस खबर का खंडन किया। उन्होंने कहा, ‘जब हमने इसके बारे में जानकारी ली तो पता चला कि 41 प्रवासी मजदूर एक जगह पर एक साथ रह रहे थे। पंचायत के अधिकारियों ने उन्हें 25 किट सौंपी क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह खुद से खाना बना लेंगे। उनके पास खाने की कोई कमी नहीं है।’
सीएम विजयन ने आगे कहा, ‘हम देख रहे हैं कि आर्गेनाइजर द्वारा इस प्रचार का तरीका अपनाया गया है। जिसके बाद यह फैलाया गया है कि स्मृति ईरानी के समय रहते हस्तक्षेप करने पर अमेठी के भूखे मजदूरों की मदद की गई। मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों व राज्य के लोगों की हर संभव मदद कर रही है। इस समय इस तरह का कोई मुकाबला नहीं होना चाहिए या दुष्प्रचार नहीं होना चाहिए या राज्य सरकार के प्रयासों को नीचा नहीं दिखाया जाना चाहिए।’
इस तरह की झूठी खबर चलाकर मुसबीत के समय राजनीति करना बेहद निंदनीय है। मीडिया घरानों को इससे बचना चाहिए।