राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर जारी है। वहीं, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के चिंतन शिविर में कहा कि ‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ हमें उन कई चुनौतियों पर चर्चा करने का अवसर देता है, जिनका सामना देश भाजपा, आरएसएस और उसके सहयोगियों की नीतियों के परिणामस्वरूप कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि यह हमारे सामने आने वाले कई कार्यों पर विचार-विमर्श करने का भी अवसर है। यह राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में ‘चिंतन’ और हमारे पार्टी संगठन के बारे में सार्थक ‘आत्मचिंतन’ दोनों है। इसका मतलब है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना, लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना, अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से निशाना बनाना और अक्सर उन पर अत्याचार करना जो हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे गणतंत्र के समान नागरिक हैं।
अपनी बात को जारी रखते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि अब तक यह पूरी तरह से और दर्दनाक रूप से स्पष्ट हो गया है कि पीएम मोदी और उनके सहयोगियों का वास्तव में उनके नारे ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ से क्या मतलब है। अधिकांश भारतीय शांति, सौहार्द और सद्भाव के माहौल में रहना चाहते हैं। भाजपा, उसके साथी और सहयोगी लोगों को हमेशा उन्माद की स्थिति में रखना चाहते हैं। वे लगातार उकसाते हैं, भड़काते हैं, भड़काते हैं। हमें इस विभाजनकारी वायरस का मुकाबला करना है जो दुर्भावना से फैलाया जा रहा है।