कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान जिस एक बात को लेकर दिन कर पार्टी में अफरातफरी रही, क्या वह राहुल गांधी ने कही या नहीं? बंद कमरों में चल रही वर्चुअल बैठक के दौरान खबर चली कि राहुल ने कथित तौर पर पत्र लिखने वाले नेताओं पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इससे भाजपा को फायदा होगा।
मीडिया में ऐसी खबरें आने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर राहुल गांधी से कड़ी नाराजगी जाहिर कर दी। हालांकि मामला संभालने के लिए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ऐसे किसी बयान का खंडन किया, लेकिन तब तक मुद्दा चैनलों से होता हुआ सोशल मीडिया पर छा गया था। कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने सिब्बल को टैग करते हुए लिखा, आप बैठक में नहीं है।
आपने ऐसी खबर पर प्रतिक्रिया दे दी जो गलत है। आप जैसे वरिष्ठ नेता का इतना अपरिपक्व टिप्पणी देना ठीक नहीं है। एक घंटे बाद सिब्बल ने राहुल गांधी से बात होने का हवाला देकर पुराना ट्वीट भले हटा लिया हो लेकिन बात निकल चुकी थी। बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने इस बारे में दो ट्वीट किए। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने ऐसी कोई बात नहीं कही।
सीडब्ल्यूसी ने भले सोनिया के अंतरिम अध्यक्ष बने रहने पर मुहर लगा दी हो लेकिन उन्होंने कहा, अब बहुत हो गया मैं जिम्मेदारी छोड़ना चाहती हूं। बैठक के बाद सोनिया ने पत्र लिखने वाले नेताओं से कहा, मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं, मतभेद होते रहते हैं लेकिन पार्टी एकजुटता के साथ है।
सोनिया के स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी मदद के लिए एक छोटी समिति गठित होगी जो कांग्रेस संगठन का काम देखेगी आपको बताए कि पिछले कुछ दिनो से कांग्रेस सांसद व अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का स्वास्थ्य ठीक नही रहता इसीके चलते एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है जो सोनिया गांधी की मदद का काम करेगा।