देश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए सोनिया गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र


देश में कोरोना महामारी के कहर के साथ ही अब ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ गया है। ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों और उससे होती मौंते देश के लिए एक नया संकट बनकर सामने आया है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामलों में बढ़ोतरी और जरूरी दवा की कमी की शिकायत को लेकर चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि इस बीमारी के मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएं।

सोनिया ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में इस बात जिक्र भी किया कि केंद्र ने राज्यों से ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के लिए कहा है।

सोनिया ने कहा, महामारी घोषित करने का मतलब यह है कि इसके उपचार के लिए जरूरी दवाओं का पर्याप्त उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित करना आवश्यक है तथा मरीजों की मुफ्त देखभाल की जाए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया, एम्फोटेरीसिन-बी इस बीमारी के उपचार के लिए जरूरी दवा है। बहरहाल, ऐसी खबरें हैं कि बाजार में इस दवा की भारी कमी है। इसके साथ ही, यह बीमारी आयुष्मान भारत तथा कई अन्य बीमा के तहत कवर नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, म्यूकोरमाइकोसिस से प्रभावित हो रहे बड़ी संख्या में मरीजों को राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने को कहा कि ब्लैक फंगस से उत्पन्न होने वाले रोग म्यूकरमाइकोसिस के उपचार में काम आने वाली दवा ‘एंफोटेरिसिन-बी’ के उत्पादन के लिए पांच और कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है तथा वे जुलाई से हर महीने इस दवा की 1,11,000 शीशियों का उत्पादन शुरू करेंगी।

इसके साथ ही, केंद्र ने म्यूकरमाइकोसिस के प्रसार को चिंता का कारण बताते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे फंगस संक्रमण को रोकने की अपनी तैयारियों तथा अस्पतालों में उपचार और स्वच्छता की समीक्षा करें।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी खतरनाक लहर के बीच देश भर में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। जानकारी के मुताबिक, देश में अब तक करीब 7,251 लोगों में ब्लैक फंगस के संक्रमण की पहचान हो चुकी थी। इस कारण 219 लोगों की मौत भी हो चुकी है। केंद्र ने ब्लैक फंगस के प्रसार को चिंता का कारण बताते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे फंगस संक्रमण को रोकने की अपनी तैयारियों और अस्पतालों में उपचार और स्वच्छता की समीक्षा करें।

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