आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है. पटेल ने अपने इस्तीफे के पीछे निजी वजह बताई है. हालांकि कहा जा रहा है कि गवर्नर उर्जित पटेल और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद और तनातनी की स्थिति थी. हालांकि पिछले दिनों आरबीआई की बोर्ड बैठक के बाद खबर आई थी कि मोदी सरकार और उर्जित पटेल के बीच चीजें ठीक हो गई हैं, लेकिन सोमवार को अचानक उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उर्जित पटेल ने अपने बयान में कहा, ‘मैं व्यक्तिगत कारणों की वजह से तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. बीते वर्षों में आरबीआई में काम करना मेरे लिए गर्व की बात रही. इस दौरान आरबीआई के अधिकारियों, प्रबंधन और स्टाफ का भरपूर सहयोग मिला. मैं आरबीआई बोर्ड के सभी निदेशकों और सहकर्मियों का शुक्रिया अदा करता हूं’।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे को देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा धक्का बताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शायद इस इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार की उसती वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए आरबीआई का कैपिटल रिजर्व हासिल करने की मंशा पूरी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि, “आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने पहले इस बारे में आशंका जताई थी कि सरकार आरबीआई के कैपिटल रिजर्व पर आक्रमण करना चाहती है ताकि वह अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी कर सके।” उन्होंने कहा कि,”मैं उम्मीद करता हूं कि यह आशंका सच साबित ना हो।
बता दें कि उर्जित पटेल आरबीआई गवर्नर तब बने थे जब मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था। नोटबंदी से ठीक 2 महीने पहले अगस्त, 2016 में उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाने का ऐलान किया गया था। इससे पहले वो डिप्टी गवर्नर थे।
इसके पीछे की असल वजह सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विवाद का मुद्दा है। जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक से करीब 3 लाख करोड़ रुपए मांगें थे जिसे आरबीआई ने मानने से इनकार कर दिया था।