आतंकवाद से देश को नुकसान पर BJP को…?

आतंकवाद भाजपा का दुश्मन या हितैषी

राफ़ेल कागजों की चोरी पर सरकार के घिरने के बाद,
आज फिर घाटी में ग्रेनेड हमला पुन: सोचने पे विवश करता है
मोदी सरकार और उग्रवादियों के बीच कोई कनेक्शन है?

आतंकवाद और भाजपा सरकार में कनेक्शन
न सिर्फ मोदी सरकार में पहले पुलवामा, अनंतनाग, उरी, गुरदासपुर, पठानकोट हमलों में ही नहीं दिखा बल्कि….
पठानकोट हमले की जांच करने ISI को बुलाने के मोदी सरकार के फैसले और ISI के लिए जासूसी करते पकड़े गए लगभग 40 भाजपाई कार्यकर्ताओं से भी पता चलता है।

ISI के लिए भाजपाईयों की जासूसी पर स्वघोषित देशभक्तों, राष्ट्रवादियों का देशप्रेम कहाँ चला जाता है ?

इतने संवेदनशील मुद्दे पे 3 साल में क्या हुआ?
जांच और कार्यवाही क्यों नहीं हुई ये याद नही लेकिन सेना के नाम पर रोटी सेंकना खूब याद है।

मोदी से पीछे जाएं तो
अटलबिहारी के समय में कंधार कांड और कारगिल के बावजूद अटल और भाजपा का पाक प्रेम संदिग्ध रहा।
वहीं
वीपी सिंह सरकार में न सिर्फ कश्मीरी पंडित विस्थापित हुए बल्कि गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण के बदले आतंकियों की रिहाई भी हुई।
गौरतलब है कि इस अपहरण की जांच रोक दी गई थी।
इससे भी पहले
जब भाजपा सिर्फ जनता पार्टी थी तब उसके प्रधानमंत्री
मोरारजी देसाई को निशान ए पाकिस्तान पाक का सबसे बड़ा सम्मान तक मिला है।

तो 70 साल वालों! 70 साल में तुम्हें जब भी मौका मिला तुमने ही देश बेचा है और झुकाया है।
लेकिन
ये देश महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, सिराजुद्दौला, रानी झांसी, गांधी, नेहरू, बिस्मिल, अशफ़ाक, बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह का है।
हर बार वापसी करते हैं हम हर जुल्म और ज़ालिम के खिलाफ़।
तुम्हारी औकात क्या है बे……?

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