सैनिकों के शहादत पर जुमला नही कारवाई चाहिए

ये नकारा मोदी सरकार एक सर्जिकल स्ट्राइक करती है और उसपर फ़िल्म बनवा कर उसका प्रमोशन भी करती है, और फ़िल्म को टैक्स फ्री करके अपनी बड़ाई आप ही से भी करती है।

कुछेक दिनों पहले सिक्किम में एक मेजर की जान गयी थी।
मेजर की शहादत पर उनके पिता का चेतना तक को झकझोर देने वाला ट्वीट था कि “एक हफ़्ते से पोस्ट पर बिजली तक भी नहीं थी”।

क़रीब आधा सैकड़ा जवान आज पुलवामा जिले के अंवतिपुरा में हुए आत्मघाती हमले में शहीद हो गए।
ये निकम्मे-नालायक संसद के अंदर बैठकर सिर्फ और सिर्फ राजनीति करते हैं और बाहर लफ़्फाजी।

कश्मीर तो इनके लिए दंगल का अखाड़ा ही बना हुआ है, इधर से भी और उधर से भी।
उरी सर्जिकल स्ट्राइक पर अपनी पीठ खुद थपथपाने वाली सरकार, पुलवामा जिले के अंवतिपुरा में आज हुए आतंकी हमले की मीडिया कवरेज और रिपोर्टिंग पर रोक लगाना चाहती है, सच का गला दबाकर सच को रोकना चाहती है।

कश्मीर का सच ये है कि,
कश्मीर में हमारे जवान मारे जा रहे हैं और मारे जा रहे हैं हम, देश के टैक्सपेयर्स।
इन दोगलों का क्या, इन्हें तो मुंह उठाकर बयान दे देना है कि “शहादत ख़ाली नहीं जाएगी”।

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