अपने इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी तरह के दबाब या मनाने से अपना फैसला नही बदलेंगे। राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा कि मैं अपना फैसला किसी भी सूरत में नहीं बदलूंगा।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा नहीं दिया और न ही किसी भी कांग्रेस नेता ने हार की जिम्मेदारी ली।
युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा गुजारिश करने पर राहुल ने ये बात उन से कही।
राहुल ने साथ ही ये भी कहा मैं इस्तीफा वापस नहीं लूंगा, लेकिन आप लोग चिंता मत करिए, मैं कही जाने वाला नहीं हूं, यहीं रहूंगा और लोगों की लड़ाई मजबूती से लड़ूंगा. राहुल ने आगे कहा कि मैं चुनाव हारा हूं. अगर एक अंगुली मैं किसी ओर उठाउंगा तो तीन अंगुली मेरी तरफ भी उठेंगी.
युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राहुल से कहा कि आप इस्तीफा क्यों देना चाहते हैं, जबकि ये सामूहिक हार थी. इसकी जिम्मेदारी सबकी बनती है. इसी पर राहुल गांधी ने कहा कि मुझे इसी बात का दुख है कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी भी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा नहीं दिया.
राहुल के नाराजगी का वजह तो अब पता चल ही गया है पर साथ साथ ये भी पता चल गया है कि वो पार्टी के संगठन से खुश नही हैं और इसलिए वो अध्यक्ष नही रहना चाहते हैं।