कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं से हर हफ्ते तीन-चार बार मिलने का फैसला किया है। वह यहां राहुल गांधी के आवास पर हर मंगलवार और गुरुवार को सुबह 10 बजे से अपराह्न् एक बजे तक कार्यकर्ताओं से मिला करेंगी।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा, “लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से प्रियंका गांधी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपने आवास पर मिलना शुरू किया था।” कांग्रेस महासचिव पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी हैं।
वह बीते दो हफ्तों में अपने और पार्टी अध्यक्ष भाई राहुल गांधी के आवास पर 150 से ज्यादा कार्यकर्ताओं से मिल चुकी हैं। हालांकि पिछले हफ्ते जब वह मतदाताओं को धन्यवाद देने अपनी मां सोनिया गांधी के साथ उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली गई थीं तो उस मौके पर उन्होंने कहा था कि वह राज्य में हर हफ्ते दो बार लोगों से मिलेंगी।
प्रियंका अन्य क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से भी मिली थीं और उन्हें पार्टी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने खातिर कड़ी मेहनत न करने के लिए फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि वह पार्टी और पार्टी नेताओं के कामकाज की समीक्षा करेंगी। प्रियंका गांधी को 23 जनवरी को पार्टी महासचिव बनाया गया था और लोकसभा की 41 सीटों वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। आम चुनाव के दौरान उन्होंने 26 निर्वाचन क्षेत्रों में धुआंधार प्रचार किया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी कार्यकर्ताओं को पहले राहुल या प्रियंका से मिलने का समय नहीं मिल रहा था, लेकिन अब वे बिना पूर्व सम्मति के उनसे मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रियंका का लक्ष्य है जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं से मिलकर उत्तर प्रदेश की जमीनी हकीकत को समझना, जहां कांग्रेस 1988 से ही सत्ता से बाहर है।
प्रियंका गांधी कार्यकर्ताओं से जानकारी लेकर पार्टी को मजबूत करेंगी। उन्होंने आम चुनाव के लिए प्रचार के दौरान ही कार्यकर्ताओं से 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने को कह दिया था। सक्रिय राजनीति में कदम रखते ही प्रियंका ने पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश की थी। उन्होंने फरवरी में लखनऊ स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ ताबड़तोड़ बैठकें की थीं।
पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी फिर से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने यहां सोमवार को और लखनऊ में शुक्रवार को समीक्षा बैठकें की थीं।