संयुक्त राष्ट्र ने जारी की रिपोर्ट डॉ मनमोहन सिंह के PM रहते 10 साल में 27 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए :

संयुक्त राष्ट्र के एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस सरकार और खासकर के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के दोनो कार्यकालों का हर तरफ तारीफ हो रहा है। 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कई ऐसे फैसले जिससे देश के लिए काफी फायदा हुआ तभी संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है 2006 से 2016 के बीच भारत मे 27.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए।

भारत में स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति से लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2006 से 2016 के बीच रिकॉर्ड 27.10 लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। इस दौरान खाना पकाने का ईंधन, साफ-सफाई और पोषण जैसे क्षेत्रों में मजबूत सुधार के साथ विभिन्न स्तरों पर यानी बहुआयामी गरीबी सूचकांक मूल्य में सबसे बड़ी गिरावट आयी है।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और आक्सफोर्ड पोवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (ओपीएचआई) द्वारा तैयार वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2019 बृहस्पतिवार को जारी किया गया। रिपोर्ट में 101 देशों में 1.3 अरब लोगों का अध्ययन किया गया। इसमें 31 न्यूनतम आय, 68 मध्यम आय और दो उच्च आय वाले देश थे। ये लोग विभिन्न पहलुओं के आधार पर गरीबी में फंसे थे। यानी गरीबी का आकलन सिर्फ आय के आधार पर नहीं बल्कि स्वास्थ्य की खराब स्थिति, कामकाज की खराब गुणवत्ता और हिंसा का खतरा जैसे कई संकेतकों के आधार पर किया गया।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में गरीबी में कमी को देखने के लिये संयुक्त रूप से करीब दो अरब आबादी के साथ 10 देशों को चिन्हित किया गया। आंकड़ों के आधार पर इन सभी ने सतत विकास लक्ष्य 1 प्राप्त करने के लिये उल्लेखनीय प्रगति की। सतत विकास लक्ष्य 1 से आशय गरीबी को सभी रूपों में हर जगह समाप्त करना है।

ये 10 देश बांग्लादेश, कम्बोडिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इथियोपिया, हैती, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, पेरू और वियतनाम हैं। इन देशों में गरीबी में उल्लेखनी कमी आयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक प्रगति दक्षिण एशिया में देखी गई। भारत में 2006 से 2016 के बीच 27.10 करोड़ लोग, जबकि बांग्लादेश में 2004 से 2014 के बीच 1.90 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। रिपोर्ट के अनुसार 10 चुने गये देशों में भारत और कम्बोडिया में एमपीआई मूल्य में सबसे तेजी से कमी आयी और उन्होंने सर्वाधिक गरीब लागों को बाहर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

इतना तेजी से लोगो को गरीबी के चपेट से बाहर निकालना अपने आप मे काबिले तारीफ है।

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