पहले यूपी मे लगता था कि कांग्रेस चुनाव जीत तो क्या बीजेपी को टक्कर भी नही दे पायेगी लेकिन राहुल गांधी के एक मास्टर स्ट्रोक ने यूपी की सियासत को बदल दिया है, राहुल गांधी ने प्रियंका व सिंधिया को यूपी की जिम्मेदारी देकर यूपी मे कांग्रेस को पुनर्रजीवित करने का काम किया है आज यूपी मे कांग्रेस मजबूती से सपा बसपा व बीजेपी का मुकाबला कर रही हैं
इसके साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा की राजनीति में एंट्री का प्रभाव अब यूपी की सियासत पर दिखने लगा है। प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आए हुए अभी दो ही महीने हुए हैं लेकिन इसका असर पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच साफ तौर पर देखा जा सकता है। केवल दो महीनों में, कांग्रेस के आंतरिक नेटवर्क में कार्यकर्ताओं की सदस्यता में 20% से अधिक की वृद्धि देखने को मिली है। प्रियंका गांधी वाड्रा सक्रिय राजनीति में औपचारिक रूप से 23 जनवरी को आईं थीं। जब उन्हें पार्टी का महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति की घोषणा खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की थी।
उनकी नियुक्ति ने राज्य में पार्टी को पुनर्जीवित करने के कांग्रेस के इरादे का स्पष्ट कर दिया है। जहां पार्टी पिछले तीन दशकों से अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी की नियुक्ति के बाद से कांग्रेस के शक्ति नेटवर्क पर सदस्यता का आंकड़ा 5.4 मिलियन से बढ़कर 6.6 मिलियन पहुंच गया है। शक्ति नेटवर्क एक एप है जो पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सीधे पार्टी की लीडरशिप से जोड़ता है। पार्टी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो महीने में स्वयंसेवकों के नामांकन में 22% की वृद्धि हुई है। कांग्रेस की यह एप पिछले साल जून में शुरू किया गया था।
अब जो भी सर्वे आ रहे है उसमे कांग्रेस को 2 से लेकर 25 तक सीटे हासिल करते बता रहे है मतलब साफ है कांग्रेस यूपी मे अपने पैर जमा चुकी है और वो 2 सीटो से काफी आगे निकल रही है
कांग्रेस के लिए संभवतः अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रियंका गांधी के कांग्रेस में नेतृत्व किसी पद पर आने के बाद, महिलाओं की सदस्यता में 40% तक की बढ़ोत्तरी देखी गई है। जो पहले सिर्फ 22% की हिस्सेदारी थी। महिलाओं के नामांकन में बढ़ोत्तरी ये साफ हो जाता है कि, प्रियंका गांधी महिलाओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही हैं।