चित्रकूट में श्रेयांश व प्रियांश दो भाइयों का अपरहण और हत्या
असमय ही काल कलवित हुए जुड़वा भाइयों को श्रद्धांजलि!
निश्चय ही ये मानवीय मूल्यों का निम्नतम स्तर का दौर है!
इनके अपहरण के बाद 20 लाख रु फिरौती मांगी गई थी! परिजनों द्वारा न सिर्फ रैंसम दिया गया, बल्कि उनके अनुरोध पर पुलिस ने रैंसम अदाएगी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया था!
तब भी फिरौती पाने के बाद भी दोनों मासूमों को जंजीरों द्वारा पत्थर से बांध कर डूबाकर मारा गया!
हमारे निजी अनुभवों के आधार पर कहें तो, आग एवं पानी से हुई मौत सबसे दर्दनाक और वीभत्स होती हैं!
पुन: सिद्ध हुआ अपहरण के बाद रैंसम अदाएगी आत्मघाती है!
यदि परिजनों ने रैंसम देने में कुछ टाल-मटोल किया होता और पुलिस को कार्यवाही करने दी गई होती तो परिणाम इतना बुरा नहीं होता!
घटना के बाद पुलिस ने जिस तत्परता से अपराधियों को पकड़ा और बरामदी की वो संतुष्टिदायक है, लेकिन पुलिस का काम उन हैवानों को फांसी दिलाने तक पूरा नहीं होगा!
हम घटना पर राजनीति नहीं करना चाहते लेकिन
मुख्य आरोपी भाजपा का एक नेता है और उसका नाम है पद्मकांत शुक्ला। उसके लिए UP के वर्तमान और MP के पूर्व सत्ताधारी दल के कुछ दिग्गजों ने जिस तरह पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की और कर रहे हैं….
उससे सोचने पर विवश हैं कि भाजपाईयों के लिए इंसानियत की कोई वैल्यू नहीं!
मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से निवेदन है कि
प्रदेश के सभी दुर्दांत और बर्बर अपराधियों को गोली मारने का आदेश जारी करें, फिर चाहे वो कोई भी हो!
15 वर्षों से बहुत कुछ देखा-सहा है प्रदेश ने, अब अपराध और अपराधियों का समूल नाश देखने की चाहत है!
यदि मीडिया और मानवाधिकार के दलाल बीच में चिल्ल-पौं मचाएं तो तानाशाही के आरोप की परवाह के बगैर उन्हें भी दलाली की सजा दी जाए!