भाजपा विधायक द्वारा उन्नाव में लड़की के साथ बलात्कार करने की घटना को लेकर कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है।
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप तय किया है. तीस हजारी कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कुलदीप सेंगर पर लगे आरोपों पर आदेश पारित किया है. कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर पर आइपीसी की धारा 120बी, 363 , 366, 109, 376 (आई) और पॉक्सो एक्ट 3 और 4 के तहत आरोप तय किया है.
साथ ही कोर्ट ने कहा कि सेंगर के खिलाफ आरोप तय करने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता से संबंधित पांच मामलों को दिल्ली स्थानांतरित किया था और मामले में प्रतिदिन सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया. अदालत ने कहा है कि ट्रायल 45 दिनों के भीतर पूरी हो जानी चाहिए. जिसके बाद इस मामले में लगातार सुनवाई चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने बाल दुष्कर्मो के मामलों पर अंकुश लगाने की दिशा में उठाए कदमों के तहत अपनी स्वत:संज्ञान पंजीकृत पीआईएल का विस्तार किया है. इसमें उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को मुआवजा और सुरक्षा देने के मुद्दे शामिल हैं.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को पीड़िता के परिवार द्वारा लिखे गए एक पत्र का संज्ञान लिया, जिसमें उन्होंने कुलदीप सेंगर के आदमियों से धमकी मिलने के आरोप लगाए थे.
बीजेपी विधायक को पार्टी से भी खूब संरक्षण मिला और पार्टी ने 2 साल तक उसे बचाया पर ट्रक द्वारा पीड़िता और उसके परिवार सहित वकील को कुचलने का जब प्रयास किया गया तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसके खिलाफ एक कैम्पेन चलाया जिसके बाद ना सिर्फ बीजेपी ने बलात्कारी विधायक को पार्टी से निकाला बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया।