केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों का कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुरुआती दिनों से ही विरोध कर रहे हैं। किसान आंदोलन के शुरू होने से पहले ही लगातार वह कृषि बिल के खिलाफ आवाज बुलंद करते आए हैं ऐसे में किसान आंदोलन के बीच में भी राहुल गांधी सरकार पर इस बिल को वापस लेने के लिए दबाव बनाने का प्रयास करते हुए दिखे हैं।
राहुल लगातार आंदोलनरत किसानों का समर्थन कर रहे हैं। जिस तरह से 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हिंसा हुई और दर्जनों पुलिसकर्मी इसमे घायल हो गए उसके बाद किसान आंदोलन सवालों के घेरे में है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार अब किसान नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के मूड मे है। इस बीच एक बार फिर से राहुल गांधी ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री हमारे किसान-मजदूर पर वार करके भारत को कमजोर कर रहे हैं, इससे फायदा सिर्फ देश विरोधी ताकतों को होगा।
जब प्रशासन की ओर से प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई तो राहुल गांधी ने ट्वीट करके लिखा कि एक साइड चुनने का समय है, मेरा फैसला साफ है, मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं। बता दें कि दिल्ली बॉर्डर पर गाजीपुर में किसान बड़ी संख्या में धरने पर बैठे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि वह आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे और जबतक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है, हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा। हम भारत सरकार से बात करने के लिए तैयार हैं, हमे जो नोटिस दिया गया है हम उसका जवाब देंगे, लेकिन इन सब के बीच आंदोलन जारी रहेगा।