कोरोना वायरस के संक्रमण से भारत का करीब हर प्रदेश प्रभावित है। ऐसे में प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार के भी मदद की आवश्यकता प्रदेश के लोगों को है। इसी को देखते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है और आवश्यक मांग एवं सुझाव इस पत्र में दिए हैं।
बघेल ने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि 26 मार्च को केन्द्रीय वित्तमंत्री द्वारा आमजन को सहायता पहुंचाने के लिए की गई घोषणाएं सराहनीय है, जिसमें समाज के बड़े तबके को राहत मिली है. सीएम बघेल का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा की गई सकारात्मक पहल को निरंतर जारी रखने की आवश्यकता है, क्योकि अभी भी समाज का एक बड़ा वर्ग उन घोषणाओं से लाभ प्राप्त करने में वंचित है. खास तौर पर मनरेगा योजना के तहत आने वाले भूमिहीन मजदूर तथा असंगठित क्षेत्र के कामगार, वर्तमान परिस्थितियों में इनका जीवन-यापन दूभर होना तय है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने खत में कहा है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के संदर्भ में उनके अतिरिक्त मेरे कुछ सुझाव इस प्रकार है. मनरेगा एवं असंगठित क्षेत्र के कामगारों को आगामी तीन माह तक प्रतिमाह एक हजार की राशि उनके खातों में दिए जाए. सभी जन-धन खाता धारकों को 750 रूपए प्रतिमाह की राशि आगामी 3 महीने तक उनके खातों में दिए जाए. इसमें महिला, पुरूष, जीरो बैलेन्स अथवा अप्रचलित खाते सभी शामिल हो.
सीएम बघेल ने इसके साथ ही संगठित क्षेत्र के सभी कामगारों जिन्हें 15 हजार प्रतिमाह से कम राशि प्राप्त होती हो, उनकी भविष्य निधि की संपूर्ण राशि अगले तीन माह तक केन्द सरकार द्वारा वहन करने और उसमें किसी भी तरह की पूर्व शर्त नहीं रखने का अनुरोध किया है. भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री से कहा है कि यदि उपरोक्त सुझाव के अनुरूप स्वीकृति दी जाती है तभी हम कोरोना के खिलाफ छेड़ी गई जंग जीतने में सफल हो सकते है. अन्यथा लाखों परिवारों के लिए जीवन का संकट उत्पन्न होना निश्चित है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से विनम्र अनुरोध किया है कि इन मांगों की स्वीकृति शीघ्र अतिशीघ्र प्रदान करने का कष्ट करें ताकि इन वर्गों को बड़ी राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में 21 मार्च से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है, जिससे राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या सीमित रखने में सहायता मिली है।