देश का हालत आर्थिक क्षेत्र में लगातार खराब होता जा रहा है इसके बाबजूद भी देश की सरकार आर्थिक जगत के लिए कुछ करने को तैयार नही दिख रही है यही कारण की सरकार लगतार इसको लेकर आलोचना का शिकार हो रही है।
ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “मोदी है तो मंदी है”
गहलोत ने देश में केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण उद्योग धंधे चौपट होने का आरोप लगाते हुये ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे पर कटाक्ष करते हुए नया नारा दिया ‘मोदी है तो मंदी है।’
श्री गहलोत ने मध्यम एवं लघु उद्योगों के सम्मेलन को संबांधित करते हुये कहा कि देश में आज व्यापारी एवं उद्योगपति संकट के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परेशान होकर कई व्यापारी आत्महत्या का कदम भी उठाने लगे हैं। वे अपने परेशानियों काे जगजाहिर भी नहीं कर पाते और अपने को कोसते हैं। पानी सर से ऊपर चले जाने पर ही वे अपनी बात कहते हैं।
श्री गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों की आलोचना उनके आर्थिक सलाहकार ही नहीं बल्कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति भी कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के समय भी आर्थिक मंदी का दौर आया था, लेकिन तब अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने परिस्थियों काे संभालकर अनुकूल माहौल बना लिया था।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को मंदी की कोई चिंता नहीं है, वह देश को धारा 370, राम मंदिर जैसे मुद्दों में उलझाकर वास्तविकता से ध्यान हटा रही है। श्री गहलोत ने कहा कि अन्तरिक्ष में काफी राकेट छोड़े जा रहे हैं, लेकिन यह भाजपा शासन की देन नहीं बल्कि कांग्रेस के समय किये गये प्रयासों का नतीजा है। श्री गहलोत ने केन्द्र सरकार से बाड़मेर में रिफाइनरी स्थापित करने में तेजी दिखाने का आह्वान करते हुये कहा कि इससे प्लास्टिक आदि के कई उद्योग स्थापित होंगे।
गहलोत ने कहा कि देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। हिटलर भी तानाशाह था, लेकिन उसका भी नतीजा अच्छा नहीं रहा।
गहलोत के अलावा भी कई नेता और आर्थिक जगत के लोगो ने सरकार पर आर्थिक विफलता के लिए निशाना साधा है।