लोकसभा चुनाव के बाद देश विभिन्न राज्यों में होने वाले उपचुनाव के साथ-साथ महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयार है। जहां लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी जीत के लिए आश्वस्त है तो वही कांग्रेस इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए खूब मेहनत कर रही है ताकि इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सके।
हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के घोषणा के बाद कांग्रेस पार्टी ने बिना किसी देरी के पूरे जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है।
पार्टी 27 सितंबर से चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है। कांग्रेस इस बार अपने चुनाव अभियान में बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए आगे बढ़ने का प्लान बना रही है। पार्टी ने विचार-विमर्श कर प्रचार अभियान की शुरूआत के लिए मानेसर को चुना है। मानेसर को चुनने के पीछे की एक बड़ी वजह ये है, कि यहां मारुति कंपनी का प्लांट है, जिसमें मंदी के चलते लगभग 50 एम्प्लोयी को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया।
कांग्रेस पार्टी ने एक बैठक कर इस फैसले पर फाइनल मुहर लगा मानेसर से प्रचार अभियान शुरू करने का फैसला लिया है। मानेसर स्थित मारूती के प्लांट में पहले तीन शिफ्टों में काम चलता था। मंदी के चलते काम को एक शिफ्ट में ही सीमित कर दिया गया।
मोदी सरकार को मंदी के मुद्दे पर घेरती आई कांग्रेस सरकार अब चुनाव में इसे एक बड़े मुद्दे के साथ आम जनमानस तक पहुंचाने की तैयारी कर चुकी है। बेरोजगारी और मंदी का आगामी चुनाव में कांग्रेस जोर-शोर से प्रचार कर वोटरो को अपने साथ लाने का भरपूर प्रयास करने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस एक नई रणनीति के साथ पार्टी का विस्तार कर जन-जन की भागीदारी को अपने साथ लेकर चलना चाहती है।
कांग्रेस पार्टी ने एक बैठक कर बीजेपी को बैकफुट पर लाने वाले अर्थव्यवस्था के मुद्दे को उठाने का फैसला कर लिया है।
कांग्रेस पार्टी 2014 में मिली हार से सबक लेते हुए इस बार सोच- समझकर और पूरी सूझबूझ के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। पार्टी 2014 के चुनाव में 90 में से मात्र 15 सीटों पर ही जीत हांसिल कर सकी थी।
कांग्रेस हर हाल में विधानसभा चिरौंजी दर्ज करना चाहती है ताकि पार्टी के कार्यकर्ताओं का लोकसभा चुनाव में हारने के बाद मनोबल टूटा है उसे पुनः सक्रिय किया जाए और देश भर में यह संदेश दिया जा सके की कांग्रेस पार्टी अभी भी जनता की पसंद बनी हुई है।