
देश में लगातार हुए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को कांग्रेस के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वाभाविक करार दिया है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता कानून में किए गए संशोधन के बाद से ही देश की विपक्षी पार्टियां और सामाजिक संगठन के साथ-साथ आमजन भी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि सीएए के खिलाफ लोगों की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार इस कानून के जरिये देश के संवैधानिक और सामाजिक ढांचे को नष्ट करने की कोशिश कर रही है।
चंडीगढ़ में विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएए, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) थोपने की अपनी योजनाओं में लोगों की संभावित प्रतिक्रिया को समझने में भाजपा की केंद्र सरकार विफल रही है। उन्होंने कहा कि जाहिर था कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के देश के लोकतांत्रिक आदर्शों को नष्ट करने के केंद्र के प्रयासों पर लोग में रोष हो।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि यह रोष समाप्त नहीं होगा बल्कि तब तक बढ़ेगा जब तक केंद्र सरकार अपनी गलती महसूस कर कानून वापस नहीं लेती।
इससे पहले पंजाब में CAA के खिलाफ विधानसभा में भी प्रस्ताव पारित किया गया था और साथ ही लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह इसको लेकर केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं।