महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर लगातार चल रही तनातनी के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस के अंतिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद जो बातें सामने आई उससे स्पष्ट है कि कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना को समर्थन नही दे रही है और यह दोनों पार्टियां विपक्ष में बैठने के लिए तैयार है।
बैठक के बाद मिली जानकारी के अनुसार सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देने से इनकार किया है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार गठन की शर्तो को लेकर सहयोगी शिवसेना के साथ भाजपा की चल रही तकरार के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के नई दिल्ली आकर सोनिया से मिले। सोनिया का बयान आने के बाद इस अटकल पर विराम लग गया कि कांग्रेस-राकांपा गठबंधन शिवसेना को समर्थन दे सकता है।
वैसे तो सोनिया से मुलाकात के बाद पवार ने इस मुद्दे पर कोई खुलासा नहीं किया मगर दोनो पार्टी के नेताओ के बयान से ये स्पष्ट है।
राकांपा प्रमुख के साथ बैठक के बाद पार्टी नेता अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल ने मीडिया से कहा, ‘कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। सरकार बनाने के लिए हमारे पास संख्या बल भी नहीं है, जिनके पास संख्या बल है, उन्हें सरकार बनानी चाहिए।
अब बीजेपी और शिवसेना कब तक तकरार को खत्म कर सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी करती है देखना दिलचस्प होगा और जब सरकार गठन होता है तो इसका आधार क्या होता है क्योंकि दोनो दलों के बीच तल्खियां काफी बढ़ गई है।