कांग्रेस के फायरब्रांड नेता और हेमशा चर्चा की केंद्र में रहने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर एक बार फिर चर्चा और कयास का बाजार गर्म है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से विवादों के चलते मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कहा जा रहा है कि उन्हें पार्टी अब एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। ऐसी चर्चा हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद से दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है। शीला दीक्षित के अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में वापसी की थी और पांच सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी जो पिछले बार तीसरे नम्बर पर लुढ़क गई थी। ऐसे में चर्चा है कि इस पद को लेकर कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू पर दांव लगा सकती है।
नवजोत सिंह सिद्धू की छवि एक तेजतर्रार नेता और मीडिया को आकर्षित करने वाले नेता की है वो हमेशा किसी न किसी मुद्दा को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। अपने विरोधियों पर चुटीले वार के कारण उनका बयान हमेशा मीडीया का सुर्खिया बन जाता है।
दिल्ली में अपनी दिग्गज नेता और संगठन की मजबूत कड़ी शीला दीक्षित को खोने के बाद अब कांग्रेस के सामने दिल्ली में नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है। शीला दीक्षित 81 साल की उम्र के बावजूद पूरी ऊर्जा के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहीं थीं। लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित ने अपनी पार्टी को नंबर तीन की पॉजिशन से नंबर दो पर लाकर खड़ा कर दिया। ऐसे में दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष के नामो को लेकर हो रहे चर्चो के बीच कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब से दिल्ली शिफ्ट करने के बारे में विचार कर रही है।
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट में अपना पोर्टफोलियो बदले जाने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने ट्विटर पर अपने इस्तीफे की कॉपी अपलोड करते हुए लिखा था कि वो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की बीच खींचतान चल रही थी। इसी खींचतान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। हालांकि इस्तीफे के बाद सिद्धू एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। सिद्धू ने अपने घर पर अपने समर्थकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में सिद्धू ने अपने घर पर बुलाए गए स्थानीय नगरपालिका के पार्षदों सहित समर्थकों के सामने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने केवल पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दिया है, कांग्रेस पार्टी से नहीं, वो कांग्रेस पार्टी में ही रहेंगे।
कैप्टन से चल रहे विवाद के मद्देनजर कांग्रेस हाईकमान भी दोनो नेताओ को एक जगह ना रखने के विचार में दिख रही ताकि फिर दोनो में कोई विवाद ना हो और पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी ना हो इसलिए सम्भव है कि सिद्धू को दूसरे प्रदेश की जिम्मेदारी दी जाए।