सोनिया गांधी के इस दांव से प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे नरेंद्र मोदी ! 2004 में भी इसी से मिली थी सफलता

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आखिरी चरण के मतदान से पहले यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी एक्टिव हो गई हैं. नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री न बन पाएं इसके लिए सोनिया गांधी ने मतदान खत्म होने से पहले ही दांव चलना शुरू कर दिया है. दरअसल, सोनिया गांधी ने चुनाव के रिजल्ट से पहले ही विपक्ष की सारी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद शुरू कर दी है.

यूपीए चेयरपर्सन ने विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को फोन करके कहा कि 22, 23 और 24 मई को दिल्ली में रहिए. मतलब साफ है कि नतीजो से पहले ही सोनिया गांधी विपक्ष के नेताओं की बैठक के लिए खुद अपने कंधों पर जिम्मेदारी ले ली है. साल 2004 में भी सोनिया गांधी ने इसी तरह की कवायद कर यूपीए-1 की सरकार बनवाई थी।

इस बैठक के माध्यम से कांग्रेस और सोनिया गांधी साफ संदेश देने की कोशिश करेंगी कि भले ही यूपीए की पार्टियों का प्री-पोल गठजोड़ न हो पाया हो लेकिन मोदी के खिलाफ सब साथ खड़े हैं और एकजुट हैं. सोनिया गांधी क्षेत्रीय पार्टियों को संदेश देना चाहती हैं कि किसी एक दल की बजाय गठबंधन को ही सरकार बनाने का न्यौता मिलना चाहिए.

बता दें कि लोकसभा चुनाव के रिजल्ट 23 मई को आएंगे. अगर इसमें एनडीए को बहुमत नहीं मिलता है तो देश की राजनीति की दिशा बदलनी तय है. इसीलिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं. आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायड ने भी पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. दोनों ने दिल्ली में विपक्षी दलों को 21 मई को बैठक करने की योजना बनाई थी।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here