मानव शरीर पर कोरोना वैक्सीन के टेस्ट के लिए युवा कांग्रेस के प्रशांत पाराशर ने जताई इच्छा

देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है जिस कारण से हर दिन नए मरीजों की पहचान हो रही है और इस कारण से अब तक 1000 से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है।

इस वायरस का अब तक कोई इलाज , वैक्सीन या दवाई सामने नहीं आया है। इस पर अभी भी रिसर्च और खोज जारी है। ऐसे में विश्व के कई अलग-अलग जगहों पर वैक्सीन के टेस्ट के लिए स्वस्थ शरीर की आवश्यकता हो रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश के सागर जिला के बिना शहर भारतीय युवा कांग्रेस के एक कार्यकर्ता और समाजसेवी प्रशांत पाराशर ने खुद पर इस वैक्सीन का टेस्ट करवाने के लिए सरकार को आवेदन दिया है।

प्रशांत पाराशर ने परीक्षण कराने की इच्छा जताते हुए सहमति पत्र सीएम के नाम तहसीलदार संजय दुबे के लिए सौैंपा है, जिसमेें उल्लेख किया है कि कोरोना के कारण हजारों लोग मर चुके हैं। इस स्थिति में यदि वायरस के लिए बनाई गई वैक्सीन का उपयोग चिकित्सकों को मानव शरीर की आवश्यकता हो तो वह इसके लिए तैयार है। युवक का कहना है कि यदि वैक्सीन का उपयोग सही रहा तो लाखों लोगों की जिंदगी बचाने का सौभाग्य मिले इससे बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता है।

प्रशांत पाराशर युवा कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और राहुल गांधी के विचारों से प्रभावित हैं। उनके अनुसार हमने देश की आज़ादी की लड़ाई में भी भाग लिया और अब देश की इस लड़ाई में भी पीछे नही हटेंगे।

युवा कांग्रेस लगातार अलग-अलग क्षेत्रो में कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगो को जागरूक कर रही है और देश मे जारी लॉक डाउन से हो रहे परेशानी में लोगो तक मदद भी पहुंचा रही है।

प्रशांत के अनुसार प्रतिदिन उनकी टीम हर दिन1250 लोगों को भोजन भेज रहे हैं। 62 परिवारों को गोद लिया हुआ है जिनको प्रति सप्ताह राशन मुहैया कराया जा रहा। शहर के 250 मध्यमवर्गी परिवारों को प्रतिदिन हरी सब्जियां वितरित किया जा रहा है।

प्रशांत ने बताया राहुल गांधी के निर्देशानुसार 3000 मास्क टेलर से सिलवाकर बाटें जा रहे जिसमे 900 मास्क पिछले 4 दिन में बाटें गए, अब एक कदम आगे बढकर मानवहित और देशप्रेम को सबसे ऊपर रखते हुए कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग के लिए अपना शरीर देने के लिए मुख्यमंत्री को आवदेन भेजा है।

कोरोना वायरस के खिलाफ जिस तरह से युद्ध जारी है वैसे में प्रशांत का अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर वैक्सीन की टेस्ट के लिए आगे आना सराहनीय है क्योंकि अगर ये टेस्ट असफल रहता है तो इसके गम्भीर साइड इफेक्ट्स होते हैं।

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