
जालियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक चलाने वाले ट्रस्ट में स्थायी सदस्य से कांग्रेस अध्यक्ष को हटाए जाने के प्रस्ताव वाले विधेयक पर एतराज जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसका विरोध किया है।
दरसल मोदी सरकार के संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह ने लोकसभा में विधेयक को पेश किया जिसमे जालियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक चलाने वाले ट्रस्ट के ट्रस्टी के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष के संदर्भ को ‘खत्म’ करने की मांग की गयी है।
मंत्री के अनुसार इस कदम का मकसद जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक को गैरराजनीतिक बनाना है। इसी तरह का विधेयक पिछली सरकार भी लायी थी लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली और यह निष्प्रभावी हो गया था।
केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर ऐतराज जताते अमरिंदर ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ट्रस्ट से कांग्रेस पार्टी (अध्यक्ष) को हटाना पूरी तरह गलत है। कांग्रेस जलियांवाला बाग (स्मारक) से स्थापना के दिन से जुड़ी रही है।’
जालियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक चलाने वाले ट्रस्ट में ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री और कांग्रेस के अध्यक्ष, संस्कृति मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, पंजाब के राज्यपाल और पंजाब के मुख्यमंत्री सदस्य हैं।
कर्नल रेजिनाल्ड डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश भारतीय सेना ने 13 अप्रैल 1919 को निहत्थे लोगों का जनसंहार किया था। उसी घटना की याद में केंद्र सरकार ने 1951 में इस स्मारक की स्थापना की थी।
इस स्मारक के स्थापना के समय से ही कांग्रेस अध्यक्ष को ट्रस्ट के सदस्य के रूप में जगह दी गई थी पर केंद्र की भाजपा सरकार इसे अब हटाना चाहती है जो कांग्रेस को कतई बर्दाश्त नही है इसलिए पंजाब के Cm ने खुद इसका विरोध किया है।