छत्तीसगढ़ की इस विधानसभा उपचुनाव में मजबूत दिख रही है कांग्रेस

देश के कई राज्यों में उपचुनाव होने हैं जिसमें छत्तीसगढ़ के चित्रकोट विधानसभा का भी उपचुनाव शामिल है। यहां कांग्रेस विधायक दीपक बैज के लोकसभा में जीत जाने के बाद विधायक पद खाली हो गया था जिसको लेकर चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी की है और बताया है कि यहां 21 अक्टूबर को चुना होगा। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच होगा।

इससे पहले बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा उपचुनाव में प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गयी है और 27 सितंबर को नतीजे जारी हो जाएंगे। यहां 23 सितंबर को वोटिंग हुई।

जिसके बाद अब बारी चित्रकोट उपचुनाव की है। यहां हार की खाई को पाटना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. क्योंकि पिछले चुनावों में यहां आंकड़ों के हिसाब से कांग्रेस बीजेपी की अपेक्षा ज्यादा मजबूत नजर आ रही है. ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा.

बस्तर के चित्रकोट विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 अक्टूबर को नतीजे आएंगे. चित्रकोट से पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक कांग्रेस के दीपक बैज चुने गए थे. कांग्रेस के इस नेता को पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनावों में अपना उम्मीदवार बनाया. यहां भी दीपक ही जीते. ऐसे में यह सीट खाली हो गई थी. साल 2018 में हुए विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीद्वार बैदुराम कश्यप, कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज से काफी पीछे नज़र आये जीत का अंतर इतना, जिसे कम करना इस चुनाव में बीजेपी के लिए काफी बड़ी चुनौती है.

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि दीपक बैज के विधायक रहते किए गए कार्यों को जनता जानती है और भले ही उपचुनाव में चेहरा दीपक बैज का नहीं होगा, लेकिन जीत कांग्रेस प्रत्याशी की ही होगी।

इससे पहले विधानसभा चुनाव 2018 में त्रकोट विधानसभा क्रंमांक 87 से कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज को 62 हजार 616 वोट मिले. यहां से निकटतम प्रत्याशी बीजेपी के लच्छुराम कश्यप को 44 हजार 846 वोट मिले. यानी जीत और हार का अंतर 17 हजार 770 वोटों का था।

इसके कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव 2019 में फिर से दोनों प्रत्याशी आमने सामने थे. बस्तर सीट के इस चुनाव में दीपक बैज को 4 लाख 2 हजार 527 वोट मिले. जबकि बैदुराम कश्यप को 3 लाख 63 हजार 545 वोट ही मिले।

कभी बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले चित्रकोट विधानसभा से भाजपा का तिलिस्म टूट चुका है और ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के लिए इस सीट पर पकड़ मजबूत करने के लिए ये एक और मौका है. जबकि बीजेपी इस सीट पर अपनी साख बचाने के लिए लड़ेगी।

चित्रकोट उपचुनाव में जहां कांग्रेस अपनी जीती हुई सीट बचाती नज़र आयेगी वहीं बीजेपी की ये कोशिश होगी कि 2018 के चुनाव में हुई बुरी हार के बाद बस्तर से छत्तीसगढ़ विधानससभा में में कम से कम अपनी जीत की मौजूदगी दर्ज करा सके।

इससे पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था मगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा इसके बावजूद भी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भी यह सीट जीत ली थी।

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