
दिल्ली में हुए हिंसा को लेकर चर्चा करवाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के 7 सांसदों का किया गया निलंबन आज वापस ले लिया गया।
गौरतलब है कि इस निलंबन के बाद कांग्रेस सहित सभी पक्षी पार्टियां लोकसभा अध्यक्ष के इस फैसले का विरोध कर रहे थे जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कांग्रेस के सात सांसदों का निलंबन वापस ले लिया।
दरसल बीते हफ्ते सदन में खराब बर्ताव के आरोपों को लेकर सात कांग्रेस सांसदों को संसद के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया था। सांसदों के निलंबन का ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि कई दूसरे विपक्षी दलों ने भी विरोध किया था। आज भी कांग्रेस और द्रमुक के सदस्यों ने निलंबन वापसी की मांग को लेकर हंगामा किया। जिसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने निलंबन वापसी का फैसला सुनाया।
कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को बीते हफ्ते गुरुवार को सदन का अनादर करने और ‘कदाचार’ के मामले में मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।
विपक्ष के हंगामा करने पर शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाए जाने का ऐलान किया था। जिसको मामले की रिपोर्ट देनी थी।
सात कांग्रेस सासंदों को मौजूदा बजट सत्र से निलंबित किए जाने का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया था। अधीर रंजन चौधरी ने सदन में इस पर बोलते हुए कहा था कि हम आसन का सम्मान करते हैं लेकिन हमारे सात सांसदों को निलंबित कर दिया गया। हमें नहीं पता कि किस आधार पर ये निलंबन हुआ है। हमारी मांग थी कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो, इस पर ध्यान देने की बजाय सारे सत्र के लिए हमारे सात सांसद निलंबित कर दिए गए। डीएमके और एनसीपी ने भी इसे गलत कहा था।