
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद से ही राहुल गांधी को पुनः अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कई बार उठ चुकी है तो वहीं कुछ नेता इस बात को लेकर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं कि राहुल गांधी को ऐसे समय में पार्टी का अध्यक्ष पद नहीं छोड़ना चाहिए था तो वहीं कई लोगों ने राहुल गांधी के इस फैसले पर उनका तारीफ भी किया और कहा कि उन्होंने एक मिसाल कायम किया है। ऐसे में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राहुल की जमकर तारीफ की है

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल जैसे नेता मौजूदा राजनीति में बिरले ही होते हैं जिन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग दिया। इससे पहले राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने को लेकर राज्य और केंद्रीय स्तर के कई नेताओं ने असंतोष व्यक्त किया है।
असंतुष्ट नेताओं ने दावा किया था कि राहुल गांधी के इस्तीफे ने समर्थकों और पार्टी नेताओं दोनों को अधर में छोड़ दिया है। पश्चिम बंगाल में पांच बार से लोकसभा सदस्य चौधरी ने कहा, ”हां, मैंने कुछ नेताओं के बयानों के बारे में सुना है।
मैं सिर्फ यही कहूंगा, हां, अच्छा होता अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहते। लेकिन साथ ही हमें नैतिक जवाबदेही की मिसाल की भी सराहना करनी चाहिए जो उन्होंने सबके सामने पेश की है।”
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जैसे नेता भारतीय राजनीति में बिरले ही होते हैं जो नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ देते हैं और हम सबको उनसे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर राहुल लौटते हैं तो हम सभी को अच्छा लगेगा। उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी का निर्णय था और उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
चौधरी ने कहा, ”क्या आप किसी अन्य पार्टी में ऐसा कोई उदाहरण दे सकते हैं जहां नेता ने पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ दिया है? इसका जवाब नहीं है। राहुल जी ने अपने कदमों के जरिए एक संदेश दिया है कि अधीनस्थों को व्याख्यान देने से पहले नेता को खुद उदाहरण स्थापित करना चाहिए।”
पार्टी के कई नेताओं ने तो राहुल को पुनः अध्यक्ष बनाए जाने की मांग भी की और राहुल से अपील भी किया कि पुनः अध्यक्ष बने क्योंकि राहुल के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से पार्टी में कई तरह के उथल-पुथल हो चुके हैं। कई जगह पर पार्टी के इकाइयों में असंतोष देखने को मिला है।