कांग्रेस के अध्यक्ष को लेकर जितनी बार चर्चा हो रहा है उतनी बार नया बात निकलकर सामने आता है। 50 दिन के बाद भी कांग्रेस अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नही चुन पा रही है। अब मिल रही जानकारी के अनुसार पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक 22 जुलाई के बाद होगी।
मिली जानकारी के अनुसार इस बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा जिसमें गांधी परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नही होगा क्योंकि लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद जब राहुल गांधी ने इस्तीफा दिया था तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि पार्टी जल्द ही कोई अध्यक्ष ढूंढे और नया अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का हो।
इसके बाबजूद भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका गांधी का नाम भी सामने आने लगा है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के पक्ष में खुली अपील की है और कहा है कि उन्हें पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. देशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यही मांग है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने कहा कि इस वक्त पार्टी की अगुवाई करने के लिए प्रियंका गांधी बेहतरीन शख्सियत हैं. अन्य नेताओं के विचार पर पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल ने भी सहमति जतायी है और प्रियंका गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की जोरदार वकालत की है.
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह दो बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि किसी वरिष्ठ कांग्रेसी की बजाए किसी युवा को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में कम से कम आठ नेता हैं. रेस में कांग्रेस की पुरानी और नयी दोनों पीढ़ी के नेता शामिल हैं. कांग्रेस के नये अध्यक्ष के दावेदारों में दलित समुदाय के चार वरिष्ठ नेताओं का नाम आ रहा है. ये नाम हैं मल्लिकार्जुन खड़गे, सुशील कुमार शिंदे, मीरा कुमार और मुकुल वासनिक…वहीं दूसरी ओर युवा और संगठन के अनुभव के लिहाज से मुकुल वासनिक को प्रमुख दावेदारों में से एक बताया जा रहा है. राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती नयी पीढ़ी के नेतृत्व के चेहरे के तौर पर की जा रही है. युवा चेहरों में मिलिंद देवड़ा भी एक नाम आ रहा है।
पार्टी के नए अध्यक्ष के तलाश में हो रही देरी से पार्टी के कई नेता नाराज हो रहे हैं जबकि इस असमंजस के स्थिती में कार्यकर्ताओं में भी निराशा का भाव दिख रहा है। ऐसे में पार्टी को जल्द कुछ न कुछ फैसला लेना होगा।