कांग्रेस ने अपने इस 14 नेताओ पर की बड़ी कारवाई , पार्टी से किया निष्कासित

कर्नाटक के सियासी नाटक का अंत तो हो गया पर बागी विधायकों के लिए मुश्किल कम नही हुई क्योंकि कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन की सरकार के गिरने के बाद बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने हैं। येदियुरप्पा के विश्वास मत हासिल करने के दो दिन बाद कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले सभी 14 बागी कांग्रेस विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने इस संबंध में पार्टी को एक पत्र लिखा था। इससे पूर्व स्पीकर ने भी इन विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था। मतलब कुल मिलाकर अगर कुमारस्वामी के सरकड गिरने से कांग्रेस-जेडीएस को नुकसान हुआ तो बागियों को भी फायदा होता नजर नही आया।

कर्नाटक के अध्यक्ष के पत्र पर पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कर्नाटक कांग्रेस की ओर से दिए गए प्रस्ताव को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने स्वीकृति प्रदान कर दी।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इन नेताओं को पार्टी से निकालने की अनुशंसा की थी। जबकि इससे पहले कर्नाटक के पूर्व विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने उन्हें अयोग्य करार दिया था। अयोग्य ठहराए गए ये विधायक अब ना किसी सरकार में मंत्री पद ले सकते हैं और ना ही किसी उपचुनाव में हिस्सा ले सकते हैं।

इस प्रस्ताव के पास होने के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक महेश कुम्मटल्ली, श्रीमंत बी पाटिल, रमेश जरकीहोली, प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम महाबलेश्वर हेब्बर, बीसी पाटिल, आर शंकर, आनंद सिंग, डॉ. के सुधाकर, बीए बसावराज, एसटी सोमशेखर, मुनिरत्न, रोशन बेद और एमटीबी नागराज अब पार्टी का हिस्सा नहीं रहे हैं।

अब इन नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। विधायक पद से इन नेताओं के इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई थी।

कांग्रेस ने बागी विधायकों द्वारा सरकार के खिलाफ रुख करने के बाद ही कह दिया गया था कि अगर विधायक नही माने तो पार्टी उन पर कारवाई करेगी।

कुल मिलाकर ये विधायक ना तो अब पार्टी के हिस्सा हैं और ना ही सरकार के और ना वो अब आने वाले चुनाव में भाग ले पाएंगे।

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