
कोरोना वायरस की बढ़ती महामारी के कारण लॉकडाउन लगे रहने से देश भर में लोग बंदिश में हैं लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के हालात कुछ और ही हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या सर्वाधिक इंदौर में है जिस कारण से इंदौर में लॉक डाउन को सख्ती से पालन करवाया जा रहा है।
और इसी लॉकडाउन के चलते पिछले 40 दिन से फल और सब्जियां न मिलने के कारण लोग खासे परेशान हैं। इनमें से मुख्य रूप से बाहर से आकर पढ़ने वाले बच्चे और नौकरी करने वाले लोग शामिल हैं। 40 दिन से लॉकडाउन में रहने के कारण वे तंग हो चुके हैं, और वे किसी भी तरह से इंदौर से निकलना चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले सभी को ये लग रहा था कि 3 मई को लॉकडाउन खुल जाएगा। लेकिन अब जब 17 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है, तो इनका सब्र का बांध टूट चुका है।
इसका खुलासा तब हुआ तब इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर में फंसे लोगों की लिस्ट तैयार करने के लिए सरकारी वेबसाइट बनाने को कहा, तो ये सामने आया कि तीन दिन में ही करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन कर दिया।
बाहर से आकर इंदौर में फंसे लोगों की जानकारी इकट्ठा करने क ले कलेक्टर मनीष सिंह ने पहल की है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अपनी जानकारी http://indore.nic.in वेबसाइट में दर्ज करवा सकता है।
इस वेबसाइट में प्रवासी नागरिकों से उनका नाम, लिंग, उम्र, व्यवसाय, आधार नंबर और मोबाइल नंबर समेत तमाम जानकारियां मांगी गई हैं। इसके साथ ही अपनी जानकारी देने वाले लोगों को ये भी बताना होगा कि वे किस राज्य से हैं किस शहर से हैं उनका पूरा पता क्या है।
दरसल कोरोना को लेकर इंदौर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पूरे प्रदेश में जहां 149 मौतें हुईं है तो अकेले इंदौर में ही 74 लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। इंदौर के CMHO जड़िया के अनुसार इंदौर जिले में अब तक 8433 सैंपल की टेस्ट की गई है। जिसके बाद मरीजों की संख्या बढ़कर अब 1545 तक पहुंच चुकी है।