पूरे विश्व के साथ-साथ जहां भारत के बढ़ते संक्रमण से परेशान हैं तो वहीं भारत में यह बीमारी एक शहर में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ती ही जा रही है।
हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के शहर इंदौर की जहां पर अब तक 44 मरीज पाए गए हैं जिसमें से आज पांचवी मरीज की मौत हो गई है। वहीं बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से संदिग्ध मौतों की बात करें तो करीब यह संख्या आधा दर्जन से ऊपर चला जाता है।
44 मरीज में से 5वी मौत के बाद ये कहा जाने लगा है कि इंदौर के डॉक्टर्स कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज करने में असफल साबित हो रहे हैं।
जहां एक तरफ संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर संक्रमण के कारण होने वाली मौतों का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है।
इंदौर में पांचवी मौत चंदन नगर की 49 वर्षीय महिला की हुई है। CMHO संक्रमण रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं और डॉक्टर इलाज करने में।
शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि चंदन नगर क्षेत्र में रहने वाली 49 वर्षीय महिला ने मनोरमा राजे टीबी (एमआरटीबी) चिकित्सालय में आखिरी सांस ली।
अधिकारी ने बताया कि 23 मार्च को कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गयी। महिला उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित थी। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाली महिला ने पिछले दिनों कोई यात्रा नहीं की थी।
इंदौर में कोरोनावायरस से संक्रमित और संदिग्ध मरीजों की लगातार हो रही मौतों ने इंदौर के डॉक्टर्स को संदेह की जद में ला दिया है क्योंकि जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर एवं शिवपुरी में संक्रमित मरीजों की तबीयत में लगातार सुधार हो रहा है जबकि इंदौर में ऐसा होता नही दिख रहा है।
प्रश्न स्वाभाविक रूप से उठने लगा है कि इंदौर में संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर इतनी ज्यादा क्यों है ? कहीं मरीजों पर कोई ड्रग ट्रायल तो नहीं हो रहा है। इंदौर के डॉक्टर ड्रग ट्रायल के लिए पहले भी बदनाम हो चुके हैं। इस कारण से लोगो मे कई तरह की बात की जाने लगी है।