भारतीय राजनीति में कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता उत्तर प्रदेश से होकर प्रदेश प्रदेश से होकर जाती है उत्तर प्रदेश में मजबूत होने के बाद ही आप देशभर में मजबूत हो सकते हैं इसलिए जब बीजेपी उत्तर प्रदेश में लगातार दो लोकसभा चुनाव में मजबूत हुई तो वह दोनों बार केंद्र की सत्ता में काबिज हुई लेकिन कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बेहद कमजोर है जिस कारण कांग्रेस को सत्ता में आने में काफी समस्या होती है और उत्तर प्रदेश का असर पूरे देश भर में पड़ता है जिसे खत्म करने के लिए कांग्रेस पूरा दारोमदार प्रियंका गांधी पर दी हुई है और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनः बड़ी पार्टी बनाकर उभारने के लिए प्रियंका गांधी काम कर रही हैं।
इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इसका माथापच्ची काफी समय से चल रहा था लेकिन अब माना जा रहा है कि 1 मजदूर को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा इसकी अनुशंसा खुद प्रियंका गांधी ने की है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपने पैरों पर खड़े होने के लिए तैयार है। 2022 में तय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना तीन दशक का वनवास समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। अगर सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी एक दिहाड़ी मजदूर रहे अजय कुमार लल्लू को कांग्रेस का नय प्रदेश अध्यक्ष बनाने जा रही हैं। संगठन में नौजवानों को प्राथमिकता दी जाएगी और आन्दोलनकारी और नौजवानों को नयी कांग्रेस कमेटी में जिम्मेदारी मिलेगी।
चुनाव हारने के बाद आजीविका चलाने के लिए अजय कुमार लल्लू बतौर मजदूर दिल्ली गए और वहां दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम किया। पर लगातार क्षेत्र के लोग फोन करते रहे। अपनी समस्या बताते रहे। कहते रहे कि वापस आओ, कौन लड़ेगा हमारी लड़ाई? और लल्लू फिर से कुशीनगर की सड़कों पर लाठियां खाते दिखने लगे। मुसहरों की बस्तियों में उनको एकजुट करने लगे। नदियों की कटान को लेकर धरने पर बैठने लगे और गन्ना किसानों के लिए मिलों के घेराव के आन्दोलन के पहली कतार में।
विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने भी अजय कुमार लल्लू पर भरोसा जताया और टिकट दे दिया। एक बुजुर्ग की पांच साल पुरानी भविष्यवाणी सच साबित हुई और एक मजदूर, एक संघर्ष करने वाला नौजवान तमकुहीराज का विधायक बना। 2017 के भाजपा लहर में भी तमकुहीराज की जनता ने फिर से अपने धरना कुमार को चुना।
नई कांग्रेस कमेटी में नौजवान और लड़ाकू कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिली है, जिसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उपचुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नौजवान उम्मीदवार उतारा है। सूत्रों की माने तो अब यह संगठन में भी दिखने जा रहा है।
सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश में कई नाम चल रहे थे लेकिन प्रियंका गाँधी का भरोसा एक ऐसे कार्यकर्ता में है जो कि उत्तर प्रदेश में रहता हो। आन्दोलन धर्मी हो और लोगों के सुख-दुःख का हिस्सेदार हो।
अब देखना होगा कि एक मजदूर से भारत की सबसे बड़े प्रदेश के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बनने जा रहे अजय कुमार लल्लू के नाम पर अंतिम मुहर कब लगती है और जब वो अध्यक्ष बनते हैं तो पार्टी को मुश्किल से निकालने में प्रियंका गांधी की मदद किस तरह से करते हैं