मोदी और शाह को क्लीनचिट देने का विरोध करने वाले चुनाव अधिकारी की पत्नी को सरकार ने भेजा नोटिस

बीजेपी सरकार में तानाशाही हर दिन बढ़ती ही जा रही है। जो लोग सरकार और बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं उन्हें सरकार किसी ना किसी ढंग से परेशान कर रही है। चाहे वो व्यक्ति राजनीतिक हो , अधिकारी हो , मीडिया ग्रुप का हो या फिर उद्योग घराने का। ताजा मामला अमित शाह को क्लीन चिट देने का विरोध करने वाले अशोक लवासा की पत्नी को परेशान करने का है। बीजेपी सरकार द्वारा लवासा की पत्नी को नोटिस भेजे जाने पर कांग्रेस ने इसे बदले की कारवाई बताया है।

चुनाव आयोग के आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी नोवेल सिंघल को भेजे गए आयकर विभाग के नोटिस का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि निष्पक्ष अम्पायर को निष्पक्षता की सजा, ये है बीजेपी का रास्ता. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे आश्चर्य नहीं है. यह मोदी और शाह मॉडल सरकार की नीति है. यह सिर्फ एक शुरुआत है. अभी बहुत कुछ होगा, लेकिन सत्यमेव जयते.

बता दें कि अशोक लवासा वहीं चुनाव आयुक्त हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आयोग द्वारा क्लीन चिट देने पर असहमति जताई थी.

लवासा ने एक डिसेंट नोट लिखकर पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ लगे 11 आरोपों में उन्हें क्लीन चिट देने के फैसले पर अपनी आपत्ति जताई थी.

लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ मिली आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों की जांच के लिए गठित समिति में सीईसी सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा शामिल थे. मोदी और शाह को क्लीन चिट दिए जाने पर लवासा का मत बाकी दोनों सदस्यों से अलग था और वह इन आरोपों को आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में मान रहे थे. लेकिन बहुमत से लिए गए इस फैसले में दोनों के आचरण को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना गया और पीएम मोदी और अमित शाह को क्लीन चिट दे दी गई.

अब लोकसभा चुनाव के बाद सरकार द्वारा उनकी पत्नी को नोटिस भेजना सीधे तौर पर बदले की कारवाई लग रही है।

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