हिमाचल कांग्रेस में आने वाले चुनावों में नई जान फूंकने के मकसद से कांग्रेस आलाकमान बदलाव लाते हुये प्रतिभा सिंह को जहां पार्टी की कमान सौंपी है।
तो साथ में यह भी शर्त है कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ेगा। वहीं कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति की कमान सुखविंदर सिंह सुक्खू को देकर स्पष्ट संकेत दिया है कि सुक्खू ही चुनावों में पार्टी के प्रमुख चेहरा होंगे। प्रतिभा सिंह जहां शिमला से ताल्लुक रखती हैं, तो सुखविंदर सिंह सुक्खू निचले हिमाचल हमीरपुर से आते है।
लिहाजा आने वाले चुनावों में निचले हिमाचल के कांगडा , ऊना और हमीरपुर जिलों की ज्यादा सीटें पार्टी की झोली में डालने का दबाव सुक्खू पर रहेगा। सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन से विधायक हैं व उनकी संगठनात्मक क्षमता गजब की है। उन्हें जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने तीसरी बार विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। अब हिमाचल कांग्रेस में आने वाले चुनावों के लिये अहम किरदार अपनी पार्टी में बन गये हैं। पिछले तमाम चुनाव में यह पद दिवंगत नेता पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पास रह चुका है। इससे स्वाभाविक रूप से सुक्खू का कद बढ़ा है। ऐसे में सुक्खू इस पद को दमखम से चार मई को संभालने जा रहे हैं।
लेकिन सुक्खू के लिये यह राह आसान नहीं होगी। गुटबाजी में उलझी कांग्रेस पार्टी को पटरी पर लाना उनके लिये बड़ी चुनौती होगी। प्रतिभा सिंह ने भले ही चुनाव न लड़ने की की हो। लेकिन टिकट आवंटन में वीरभद्र सिंह गुट से सालों से जुड़े रहे नेताओं को सुरक्षित ठिकाना देने का दबाव तो उन पर रहेगा। वहीं, सुक्खू पर भी अगले सीएम बनने के लिये अपने लोगों को अधिक सीटें दिलाने का दबाव रहेगा। जाहिर है उस सूरत में कुछ लोग टिकट की दौड़ से बाहर भी होंगे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 27 मार्च 1964 को नादौन के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम रसील सिंह था जो पेशे से किसान व छोटे कारोबारी थे। सुखविंदर सिंह की प्रारंभिक शिक्षा नादौन में हुई और इसके बाद उन्होंने शिमला विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी तक की शिक्षा हासिल की। उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर छात्र नेता के रूप में एनएसयूआई शुरू किया। संझौली में कॉलेज के दौरान वर्ष 1981 में क्लास रिप्रेजेंटेटिव बने सुक्खू ने अगले साल कॉलेज छात्र युनियन के महासचिव व उसके अगले साल युनियन अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा और उन्हें लगातार जीत हासिल हुई। वे कानून की पढ़ाई के दौरान वर्ष 1985 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी अपने विभाग के रिप्रेजेंटेटिव चुने गये।
वर्ष 1989 से 1995 तक सुखविंदर संह सुक्खू एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके बाद तीन साल तक वे प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव रहे। वर्ष 1998 में उन्हें प्रदेश युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और इस पद पर वे लगातार दस साल तक रहे। उन्होंने वरष 1992 में शिमला नगर निगम के पार्षद पद का चुनाव लड़ा और लगातार दो बार विजयी हुए। वर्ष 2008 में उन्हे प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया जिसपर वे चार साल तक रहे। वर्ष 2013 की शुरुआत में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन सीट से विधायक चुने गये। दिसंबर 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें क्षेत्र की जनता ने दोबारा अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजा। वे इस कार्यकाल में कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप बनाये गये। वर्ष 2017 के तेरहवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में वे तीसरी बार विधायक चुने गये। अब अगले चुनावों के लिये प्रदेश में अहम किरदार के तौर पर उभर कर सामने आये हैं। हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इस बार आम आदमी पार्टी भी वहां चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। निश्चित रूप से पंजाब से लगते हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस आम आदमी पार्टी की चुनौती को हल्के में नहीं लेना चाहती।