
झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। सभी दल अपने अपने रणनीति पर काम करना शुरू कर दिए हैं। ऐसे में विपक्षी दलों के संभावित महागठबंधन को लेकर अभी भले ही तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, परंतु अधिकांश विपक्षी दलों ने चुनाव की घोषणा के बाद प्रत्याशियों के चयन को लेकर जोड़तोड़ प्रारंभ हो गई है।
ऐसे में कांग्रेस में भी प्रत्याशियों को लेकर रांची से दिल्ली तक बैठकों का दौर शुरू हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने इस चुनाव में अपने पुराने योद्घाओं को मैदान में उतारकर विजयश्री प्राप्त करने की रणनीति बनाई है।
कांग्रेस नेता के अनुसार सोमवार को रांची में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई थी। बैठक में विधानसभा क्षेत्रवार टिकट के लिए आवेदनों की समीक्षा की गई।
नेता ने कहा कि बैठक में चुनाव समिति ने भाजपा को हराने के लिए पार्टी के सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतारने की रणनीति पर चर्चा की।
इसके अलावा वर्तमान विधायकों को टिकट देने की अनुशंसा करते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से तीन-तीन नामों को केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी को भेजने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने दिल्ली जाने से पहले कहा है कि “कांग्रेस ने महागठबंधन में 35 सीटों पर दावेदारी की है, परंतु अभी बात चल रही है। यह तय नहीं है। पार्टी सभी स्थिति को लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के टिकट दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में तय किए जाएंगे।
इधर, कांग्रेस के एक नेता का दावा है कि प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, प्रदीप बलमुचू, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, सरफराज अहमद, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष इरफान अंसारी, केशव महतो कमलेश जैसे नेता टिकट के दावेदारों की सूची में हैं। दावा है कि पार्टी अधिकांश मौजूदा विधायकों पर फिर से दांव लगाएगी।
कांग्रेस महागठबंधन होने और ना होने दोनो स्थितियों में चुनावी तैयारी कर रही है और इसी के अनुसार अपनी सभी रणनीति को आगे बढ़ा रही है।
प्रदेश के 81 विधानसभा सीटों पर 5 चरणों में चुनाव 30 नबम्बर से 20 दिसम्बर के बीच होगा और 23 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे।