दुनिया क्या बोलेगी यह सोचकर सच बोलना छोड़ दो, नहीं तो उंगली तुम पर भी उठेगा देशद्रोही तुम्हें भी कहा जाएगा जाएगा। तुम एक पिद्दी राष्ट्र के डर से से देश की हालात के बारे में मत बोलो, होने दो जुल्म की इंतिहा , देखते रहो कब तक सरकार अपने ही जनता पर जुल्म करती है और इस डर से तुम खामोश रहो कि कहीं तुम्हें पाकिस्तान परस्त ना कह दिया दिया।
संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान के भाषण के बाद भारतीय मीडिया और बीजेपी नेता जिस तरह से इमरान खान के भाषण का एक हिस्सा को शेयर करते हुए यह बोल रहे हैं कि कांग्रेस के नेताओं के द्वारा बोली गई बात को पाकिस्तान हिंदुस्तान के खिलाफ प्रयोग कर रहा रहा रहा है उसके बाद यही लग रहा है कि भारतीय मीडिया और बीजेपी नेता देश की जनता और कांग्रेस के नेताओं को यह संदेश दे रहे हैं कि आप पाकिस्तान के डर से बोलना बंद कर दीजिए।
तो सवाल उठता है कि भारत जैसे शक्तिशाली राष्ट्र की जनता एक कमजोर राष्ट्र पाकिस्तान की डर से सच और हक की बात करना बंद कर देगी। आखिर भारतीय मीडिया और भारत की वर्तमान सरकार के लोग जनता को पाकिस्तान का डर क्यों दिखा रहे हैं ?
कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है तो कश्मीर को लेकर हम आवाज उठाएंगे और हम सरकार से सवाल करेंगे तो इसमें पाकिस्तान कुछ बोलता है तो इसकी परवाह हम क्यों करें और रही बात आतंकवादी घटना को लेकर आरएसएस को संबंधित करना करना तो क्या नाथूराम गोडसे से लेकर प्रज्ञा ठाकुर तक आतंकवाद के मामलों में में उलझी नहीं हैं ? क्या उन पर आतंकवाद से जुड़ा हुआ मामला दर्ज नहीं हुआ है ? तो फिर कांग्रेस के नेता ने आतंकवाद से आरएसएस को जोड़कर क्या गलत किया ?
अगर सच बोलने पर भारत की जनता को डराया जा रहा और सच बोलने से पाकिस्तान का डर दिखाकर रोका जा रहा है तो निश्चित ही यह भारत की सबसे कमजोर सरकार है जो एक मजबूत राष्ट्र जनता को पाकिस्तान जैसे कमजोर देश से डराकर खामोश करना चाहती है।