लॉकडाउन के कारण जैसलमेर मे फंसे 35,000 श्रमिकों की सकुशल घरवापसी पर श्रमिकों ने कांग्रेस सरकार का जताया आभार

राजस्थान के जैसलमेर जिला प्रशासन के बेहतर प्रबन्धों और योजनाबद्ध प्रयासों की बदौलत कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन के कारण जैसलमेर में फंसे हुए लगभग 35 हजार राज्य एवं अन्तर्राज्यीय प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया. श्रमिको ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जिला प्रशासन का धंन्यवाद दिया. राजस्थान के शेष सभी जिलों से जितने प्रवासी श्रमिकों को अन्यत्र उनके गृह क्षेत्रों में भेजा गया, उनकी कुल संख्या से भी काफी अधिक राज्य एवं अन्तर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक अकेले जैसलमेर जिले से उनके अपने गृह क्षेत्रों में भेजे जा चुके हैं.

लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार के निर्देशानुसार जैसलमेर जिले से लगभग 35 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह क्षेत्रों के लिए भेजा जा चुका है. इनमें लगभग 14 हजार प्रवासी श्रमिक राजस्थान राज्य के तथा लगभग 21 हजार अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिक शामिल थे. इनमें से अधिकतर प्रवासी श्रमिक जैसलमेर जिले के विभिन्न स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा संचालित आश्रय गृहों में ठहराए हुए थे और इनके आवास, भोजन, पानी आदि सभी प्रकार की माकूल व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा काफी दिनों से उपयुक्त ढंग से उपलब्ध कराई जा रही थी. इनमें राजस्थान राज्य के भीतर लगभग 14 हजार प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश के विभिन्न 15 जिलों में भेजा जा चुका है. इनमें अधिकतर गंगानगर एवं हनुमानगढ़ मूल के प्रवासी श्रमिक थे.

जिला प्रशासन द्वारा सभी श्रेणियों के प्रवासी श्रमिकों के लिए उपयुक्त व्यवस्थाएं करने के साथ ही इनकी सुरक्षित रवानगी से पूर्व सभी प्रकार के ऎहतियाती उपाय सुनिश्चित किए. इन्हीं का नतीजा है कि प्रवासी श्रमिकों ने रवानगी से पूर्व आश्रय गृहों में की गई व्यवस्थाओं तथा घर वापसी के लिए किए गए बेहतर प्रबन्धों की सराहना की और इसके लिए राज्य सरकार के साथ ही जैसलमेर जिला प्रशासन और व्यवस्थाओं में जुटे सभी अधिकारियों, कार्मिकों आदि के प्रति दिली आभार जताया. जिला कलक्टर नमित मेहता के निर्देशन में इतना बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य सरलतापूर्वक सम्पन्न होने के पीछे सभी प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों का सामन्जस्य और सभी संबंधितों के अथक प्रयासों के साथ ही जिला कलक्टर द्वारा इन राज्यों से संबंधित रूट में आने वाले जिला कलक्टरों व इन प्रदेशों के उच्चाधिकारियों आदि से लगातार संचार सम्पर्क का भी बहुत बड़ा रोल रहा, जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी का लक्ष्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हो

उन्होंने बताया कि राजस्थान के बाहर के, देश के विभिन्न राज्यों के रहने वाले लगभग 21 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके अपने गृह राज्यों में भेजा जा चुका है. इनमें हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं गुजरात राज्यों के प्रवासी श्रमिक शामिल हैं. जैसलमेर जिले में अब बिहार के लगभग 300 प्रवासी श्रमिक बचे रह गए हैं, जिन्हें भेजने की कार्यवाही की जा रही है. जिला प्रशासन की योजनाबद्ध एवं सुव्यवस्थित कार्यप्रणाली के साथ हर स्तर पर बेहतर प्रबन्धन का ही परिणाम रहा कि इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को सहजता और सरलतापूर्वक उनके अपने-अपने गृह क्षेत्रों में पहुंचाया गया.

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