महाराष्‍ट्र की राजनीति में शरद पवार की पॉवर पॉलिटिक्स, अजित पवार पर गिरी गाज

महाराष्ट्र में भले ही देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली हो लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार को हटा दिया गया है,अब विधायक दल का नेता जयंत पाटिल को बनाया गया हैं, राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे विपक्षी दलों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली है. रविवार को सुबह 11:30 बजे इस मामले पर सुनवाई होगी!

महाराष्‍ट्र की राजनीति में शनिवार की सुबह भाजपा के नाम रही तो शाम होते-होते NCP प्रमुख शरद पवार हावी होते नजर आए। महाराष्‍ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को NCP के विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया। इतना ही नहीं शपथ ग्रहण समारोह में उनके साथ मौजूद 11 विधायकों में से 7 विधायक फिर पार्टी में लौट आए।
NCP विधायक दल की बैठक में 51 विधायक शामिल हुए। शरद पवार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया। उनके स्थान पर जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक में यह भी फैसला किया गया कि आगे की कार्रवाई का फैसला शरद पवार करेंगे।

इस बीच शिवसेना ने भी राज्यपाल द्वारा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने संबंधी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है।

इतना ही नहीं नंबर गेम में फिलहाल भाजपा पर NCP, शिवसेना और कांग्रेस भारी पड़ती नजर आ रही है।

राकांपा विधायक दल की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि अजित पवार की कार्रवाई ने पार्टी की नीतियों का उल्लंघन किया है। इसमें कहा गया है कि विधायक दल के अगले नेता का चयन होने तक राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के पास सभी अधिकार होंगे। प्रस्ताव में कहा गया है कि व्हिप जारी करने के अजित पवार के अधिकार को भी वापस ले लिया गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को 30 अक्टूबर को विधायक दल का नेता चुना गया था।

आज सुबह राज्यपाल ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। उनके साथ अजित पवार ने उपमुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी। दावा किया जा रहा था कि भाजपा के पास लगभग 170 विधायकों का समर्थन है।

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