बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा में बुधवार को नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ कहा है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने ये बयान लोकसभा में एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर डिबेट के दौरान दिया।
साध्वी प्रज्ञा के बयान के बाद बीजेपी भी बैकफुट पर नजर आ रही है। सदन में प्रज्ञा के इस बयान के बाद बीजेपी के कई सदस्य ने उन्हें बैठने के लिए भी कहा है।
बयान पर विवाद बढ़ने के बाद जब संसद से बाहर पत्रकारों ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर से पूछा तो उन्होंने इस पर सफाई दी। प्रज्ञा ने कहा,पहले उसको पूरा सुनिए, मैं कल जवाब दूंगी।
प्रज्ञा ठाकुर के इस आपत्तिजनक बयान पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी प्रज्ञा को बैठने का इशारा करते नजर आए वहीं कुछ और बीजेपी सांसदों ने भी उन्हें बैठने का इशारा किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सदस्यों से बैठने की अपील करते हुए कहा कि सिर्फ ए राजा की बात ही सदन के रिकॉर्ड में जा रही है!
प्रज्ञा ठाकुर के इस आपत्तिजनक बयान पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया. कांग्रेस के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और यह आरोप लगाते हुए सुने गए कि प्रज्ञा को प्रधानमंत्री का संरक्षण मिला हुआ है।
साध्वी प्रज्ञा द्वारा संसद में गोड्से को देशभक्त बताने पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाल ने ट्वीट कर कहा कि देश गांधी जयंती का 150वाँ साल मना रहा है, और भाजपा सांसद,प्रज्ञा ठाकुर गांधी जी के हत्यारे गोडसे को ‘शहीद’ बता महिमामंडन कर रही हैं। गोडसे की सोच के भाजपाईयों ने जो गाँधी वादी मुखौटा लगाया था, आज संसद में उतर गया। मोदी जी, देश अब आपको व भाजपा को कभी ‘मन से माफ नही करेगा’।
दरअसल, लोकसभा में एसपीजी संशोधन बिल पर डीएमके सांसद ए राजा अपनी राय रख रहे थे। इस दौरान ए राजा ने गोडसे के एक बयान का जिक्र किया जिसमें गोडसे ने कहा कि था कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा था। जब ए राजा बोल ही रहे थे उसी समय प्रज्ञा ठाकुर ने बीच में दखल देते हुए कहा कि आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते हैं। उनके इस बयान के बाद लोकसभा में हंगामा मच गया। हालांकि प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान को लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है।
प्रज्ञा ने पहले भी गोडसे को लेकर बयान दिया था, तब मोदी ने कहा था कि वे कभी उन्हें मन से माफ नहीं करेंगे। सवाल यह है कि अब मोदी क्या करेंगे।