कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व लोकसभा चुनाव में पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी शुक्रवार यानी 7 जून को प्रयागराज पहुंच रही हैं। उनके यहां पहुंचने के पीछे कई कारण तलाशे जा रहे हैं, लेकिन सबसे अहम कारण पूर्वी यूपी की सभी 40 सीटों पर चारों खाने चित्त हो गई कांग्रेस की असली वजह तलाशना है।
प्रियंका गांधी यहां अपने दादी के घर में पूर्वी यूपी के सभी 40 जिलाध्यक्षों से मुलाकात करेंगी। जिलाध्यक्षों की सफाई, कार्रवाई का क्रम भी चलेगा और इसके लिए स्वराज भवन में सारी तैयारी हो चुकी है। दरअसल अपने पहले ही चुनाव में प्रियंका गांधी फ्लॉफ शो देने वाली नेता बन गई हैं, जिनके नाम से कांग्रेस में संजीवनी का अंदाजा लगाया जा रहा था, लेकिन कांग्रेस का हाल अब उससे भी बेहाल इस बार नजर आया है।
प्रियंका 7 जून को को करीब 10:30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगी। यहां उनका स्वागत होगा। उसके बाद सड़क मार्ग से वह स्वराज भवन पहुंचेंगी। रात में ही पार्टी के बड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी और सुबह की रणनीति पर मुहर लगाई जाएगी। प्रियंका रात्रि में यहां प्रवास करेंगी और फिर सुबह 8 जून को पार्टी कार्यालय में पूर्वी यूपी के लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों एवं जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगी । प्रदेश प्रवक्ता किशोर वाष्ण्रेय के अनुसार यहां पर पार्टी को मजबूती देने व हार के कारणों की समीक्षा होगा। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद की भी योजना तैयार की गई है। प्रियंका का यह दो दिवसीय दौरा बेहद ही अहम होगा और यूपी में अपने खत्म होते वोट बैंक व अपने अस्त्त्वि को बचाने की जद्दोजहद कांग्रेस शुरू करती नजर आएगी।
प्रियंका गांधी का यह दौरा बेहद ही अहम होगा, क्योंकि वह यूपी लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार के खिलाफ लामबंद युवाओं को अपना समर्थन देंगी और संभव है कि वह पहली बार किसी जन आंदोलन का हिस्सा बनकर इसका नेतृत्व भी करें। प्रतियोगी छात्रों को भी उम्मीद है कि इस मामले में प्रियंका छात्र हित में खड़ी होंगी, जिससे न सिर्फ छात्रों का हित सधेगा बल्कि कांग्रेस के लिए भी संजीवनी का काम हो सकेगा। पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने ट्वीटर पर जबरजस्त तरीके से इस मामले पर हमला बोला था, जिसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी आयोग के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर अभी से ही कांग्रेस को मजबूती देने का प्रयास शुरू करेंगी।