कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा करने के लिए आज दो दिवसीय दौरे पर प्रयागराज पहुंचेंगी और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करेंगी। कल 8 जून को वे पूर्वांचल के 40 पार्टी उम्मीदवारों और जिलाध्यक्षों से मिलेंगी और हार का समीक्षा करेंगी। इस समीक्षा के बाद पार्टी में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 1 सीट पर जीत मिली। राहुल गांधी यहां अमेठी सीट पर हार गए। उधर, भाजपा ने 62 और सपा-बसपा गठबंधन ने 15 सीटें हासिल कीं।
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका को उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल का जिम्मा सौंपा था। प्रियंका इन जिलों के सभी पार्टी अध्यक्षों से भी हार के कारणों को जानने की कोशिश करेंगी। माना जा रहा है कि मुलाकात और सवाल-जवाब के इस दौर के बाद पार्टी भविष्य की रणनीति और बदलावों पर फैसला लेगी।
1 जून को दिल्ली में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया को संसदीय दल का नेता चुना गया था। इस दौरान राहुल ने कहा था कि हम लोकसभा में भाजपा को वॉकओवर नहीं देंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था- देश में कोई भी संस्थान आपका समर्थन नहीं करेगा। एक भी व्यक्ति आपका समर्थन नहीं करने वाला। यह ब्रिटिश काल जैसा है, जब एक भी संस्थान कांग्रेस को समर्थन नहीं देता था। पार्टी तब भी लड़ी थी और जीती थी।
अब प्रियंका गांधी मोर्चा संभालने की तैयारी में है। प्रियंका पूर्वी उत्तर प्रदेश में डेरा डालकर पार्टी की हार की समीक्षा करेगीं। इलाहाबाद जाने से पहले प्रियंका ने अपने स्तर पर जानकारियां एकत्रित की है जिनकी पुष्टि वह पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से सीधे संवाद कर करेगीं. दरअसल प्रियंका की निगाह 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों पर है और वे इससे पहले ब्लॉक स्तर से लेकर ऊपरी स्तर तक पार्टी के संगठन को मजबूत बनाना चाहती है.
गौरतलब है कि राहुल ने प्रियंका को महासचिव बनाते समय यह साफ कर दिया था कि उनको यह जिम्मेदारी केवल लोकसभा चुनाव के लिए नहीं बल्कि भविष्य की राजनीति की दृष्टि से सौंपी जा रही है।