
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी की ओर से रविवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहागया कि केरल से लगातार आ रही कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए उन्होंने अमेठी के साथ ही वायनाड से भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटोनी ने कहा- यह बेहद खुशी की बात है। पिछले कई हफ्ते से मांग उठ रही थी कि राहुल दक्षिण भारत से भी चुनाव लड़ें। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक से मांग आ रही थी। इस पर विचार-विमर्श के बाद राहुल का वायनाड सीट से चुनाव लड़ना तय हुआ। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अमेठी से राहुल का रिश्ता बेजोड़ है। सिर्फ प्रतिनिधि के तौर पर उनका अमेठी से रिश्ता नहीं है।
माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कहा- राहुल को वायनाड सीट से उतारने का कांग्रेस का फैसला केरल में उसकी वाम दल के खिलाफ प्राथमिकता को दर्शाता है। यह उसकी भाजपा के खिलाफ लड़ने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के खिलाफ है। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा- राहुल को राज्य में ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए जहां भाजपा का उम्मीदवार हो। यह वाम दलके खिलाफ लड़ाई के सिवाय औरकुछ नहीं है।
एंटनी ने बताया कि राहुल की ओर से वायनाड को चुनने की कई वजह हैं। यह सीट सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से काफी अहम है। यह केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमाओं को जोड़ती है। ऐसे में राहुल का यहा से चुनाव लड़नाएक तरह से पूरे दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व होगा।
अमेठी में भाजपा ने इस बार भीकेंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी काे उतारा है। 2014 के लाेकसभा चुनाव में राहुल ने उन्हें 1.07 लाख वाेटाें से हराया था। हालांकि, राहुल की जीत का यह अंतर 2009 की तुलना में काफी कम था। तब राहुल 3.70 लाख वाेटाें से जीते थे। राहुल 2004 से लगातार तीन बार अमेठी से सांसद चुने जा चुके हैं। 2009 में वह 3.70 लाख वाेटाें से जीते थे।चुनाव हारने के बावजूद स्मृति अमेठी में लगातार सक्रिय रहीं औरभाजपा ने इस बार फिर उन्हें टिकट दिया है।