राहुल ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति के बारे में आज जानते हैं। आज जरूरत है किसानों, प्रवासियों की जेब में पैसे डालने की।
मैं सरकार से विनती करता हूं कि आप कर्ज जरूर दीजिए लेकिन भारत के बच्चों के लिए साहूकार मत बनिए। सड़क पर चलने वाले प्रवासियों की जेब में पैसे दीजिए।
सड़क पर चलने वाले लोग भारत का भविष्य हैं। ये बाते मैं एक राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं बोल रहा है। सरकार को आर्थिक पैकेज पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।
-हमारी रेटिंग को किसान, छोटे उद्यमी, मजदूर बनाते हैं। आप विदेश के बारे में मत सोचिए आप इन लोगों के बारे में सोचिए। विदेश के बारे में , रेटिंग के बारे में मत सोचिए। कहा जा रहा है कि पैसा दिया तो हमारी रेटिंग कम हो जाएगी लेकिन हमें हिन्दुस्तान के दिल की बात सुननी होगी ना कि विदेश की।
-मैं बहुत प्यार से प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि वे भारत के लोगों के बारे में सोचें, विदेश के बारे में नहीं।
-हमें लॉकडाउन को बहुत समझदारी, ध्यान से और होशियारी से हटाना है।
सरकार को आर्थिक पैकेज पर दोबारा विचार करना चाहिए। डिमांड को चालू करने की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं होता तो इससे देश को बहुत ज्यादा नुकसान होगा।आप न्याय जैसी योजना लागू कर सकते हैं। आप इसे कोई और नाम दे सकते हैं। मेरा कहना है कि बहुत जरूरी है कि गरीब लोगों की जेब में पैसा होना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत डिमांड-सप्लाई को शुरू करने की है। उन्होंने कहा कि “आपको गाड़ी चलाने के लिए तेल की जरूरत होती है। जबतक आप कार्बोरेटर में तेल नहीं डालेंगे, गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी। मुझे डर है कि जब इंजन शुरू होगा तो तेल ना होने की वजह से गाड़ी चलेगी ही नहीं।”
राहुल गांधी ने केरल में कोरोना वायरस पर कंट्रोल की तारीफ की और कहा कि वह एक मॉडल स्टेट है और बाकी राज्य उससे सबक ले सकते हैं।
देश में बहुत बड़ा आर्थिक तूफान आने वाला है,हम सरकार पर दवाब बनाना चाहते हैं वो विपक्ष की बात सुने
मेरी बंद कमरे में जो भी बातहोती है वो आप तक पहुंचाना चाहता हूं, इसलिए आप सबसे बात करने का मन बनाया
-जो भी बातें मैं आज बोल रहा हूं वो मेरी नहीं बल्कि देश के हर छोटे व्यापारी से लेकर किसान और मजदूरों तक के सवाल सरकार से है।प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण, मनरेगा के कार्य दिवस 200 दिन, किसानों को पैसा आदि के बारे में मोदी जी विचार करें, क्योंकि ये सब हिंदुस्तान का भविष्य है।
आज का हिंदुस्तान 10 साल पहले से बहुत अलग है, आज ज्यादातर मजदूर शहरों में रह रहे हैं।
कांग्रेस सरकार और गठबंधन सरकार अलग-अलग है। कांग्रेस शासित राज्य में मजदूरों की सीधी मदद की जा रही है।
महाराष्ट्र अर्थव्यवस्था का सेंटर है, ऐसे में महाराष्ट्र का सपोर्ट केंद्र सरकार को ज्यादा करना चाहिए, लोगों की शिकायत है कि केंद्र सरकार बीजेपी शासित राज्य में ज्यादा ध्यान दे रही है, बाकी राज्यों में कम
केंद्र सरकार की तरफ से सबसे बड़ी लापरवाही ये है कि लोगों के खाते में पैसा डायरेक्ट नहीं जा रहा है, सरकार को इसपर भी ध्यान देना चाहिए।
‘न्याय’ योजना को लेकर हमने केंद्र सरकार को एक आइडिया दिया था, ये किया जा सकता है ये कोई बड़ी बात नहीं है। आज हर तरह के व्यापार को प्रोटेक्शन की जरूरत है।
विपक्ष यानी हमारा रोल दबाव बनाने का है। हम सरकार पर दबाव किसी भी तरह से बना सकते हैं। जितना पैसा सरकार को राज्य सरकारों को देना चाहिए उनता केंद्र नहीं दे रहा है।
लोकल तब ही ग्लोबर बनेगा जब किसी के पेट में भोजन होगा, जब हर कोई भूखा है तो कैसे किया जाएगा।
केंद्र सरकार को अब मजदूरों को भरोसा दिलाना होगा कि अब वो शहरों में फिर आ सकते हैं।
राहुल गांधी ने आखिर में कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि आगे भी इस तरह रीजनल पत्रकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जारी रहेगी।
राहुल गांधी ने एक बार फिर पत्रकारों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इसी तरह सच दिखाते रहें।