इन दिनों बीजेपी और आरएसएस के नेतागण राहुल के हर बयान पर देश दर में केस दर्ज करवा रहे हैं इन्ही केसों में से 3 केस में राहुल गांधी कुछ दिन पहले पेश हो चुके हैं और तीनों में राहुल को जमानत मिल चुकी है। अब एक और केस गुजरात के सूरत में दायर की गई है जिसमे उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट मिल गई है।
सूरत की एक अदालत ने गुजरात के एक विधायक द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेसी नेता राहुल गांधी को निजी उपस्थिति से मंगलवार को छूट दे दी। विधायक ने गांधी की ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी पर यह मामला दायर किया है। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख तय की। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बी एच कपाडिया की अदालत ने पिछले सप्ताह गांधी को सम्मन भेजा था।
कोर्ट ने इस निष्कर्ष पर पहुंचते हुए समन भेजा कि उनके खिलाफ पहली नजर में भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला बनता है। मंगलवार को जब यह मामला सुनवाई के लिए रखा गया तो गांधी के वकील किरीट पानवाला ने निजी छूट का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि उनके क्लाइंट को कुछ दिन पहले ही समन मिला है और उनके लिए पहले से तय प्रतिबद्धताओं के कारण इतने कम समय में निजी रूप से पेश होने में दिक्कत है।
इसके बाद कोर्ट ने गांधी को निजी उपस्थिति से छूट दे दी और अगली सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख तय की। इससे पहले अदालत ने भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी की 16 अप्रैल को दायर शिकायत पर राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि से संबंधित आईपीसी की धाराओं 499 और 500 के तहत समन जारी किया था। बता दें कि, सूरत पश्चिम सीट से विधायक ने अपनी शिकायत में दावा किया कि गांधी ने यह टिप्पणी करके पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है कि सभी चोरों के उपनाम मोदी ही क्यों हैं।
विधायक ने 13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार की एक चुनावी रैली का जिक्र किया जहां गांधी ने सवाल किया था, नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी…इन सबका उपनाम मोदी ही कैसे है? सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं?
इससे पहले राहुल महाराष्ट्र के मुंबई , बिहार के पटना और गुजरात के अहमदाबाद में बीजेपी-आरएसएस नेताओ के द्वारा दायर मानहानि का केस में पेश हो चुके हैं। दरसल इस लोकसभा चुनाव में दिए गए राहुल के बयानों को आधार बनाकर बीजेपी-आरएसएस नेताओ ने राहुल पर करीब दो दर्जन केस किया है।