उत्तर प्रदेश में कांग्रेस खुद को दुरुस्त करने में लग गई है। ऐसे में पार्टी पहले उन नेताओं पर करवाई करने में लग गई है जो पार्टी के हर फैसले के बाद सार्वजनिक रूप से उसका विरोध कर ना सिर्फ गुटबाजी करते हैं बल्कि पार्टी के लिए असहज स्थिति भी बनाते हैं।
ऐसे में पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में अपने 10 दिग्गज नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बाहर किए गए नेताओं में तीन पूर्व विधायक, दो पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, एक पूर्व एमएलसी और तीन अन्य नेता शामिल हैं.
इन नेताओं को पार्टी की अनुशासन समिति ने नोटिस भेजा था, जिसके जवाब से संतुष्ट न होने के बाद इन्हें पार्टी से छह वर्ष के लिए बाहर कर दिया गया है. जिन नेताओं को बाहर किया गया है, उनमें पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेहंदी, पूर्व गृह मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, राजेंद्र सिंह सोलंकी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, पूर्व विधायक नेक चंद्र पांडेय, स्वयं प्रकाश गोस्वामी और संजीव सिंह शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ओर से जारी पत्र में इन नेताओं के लिए लिखा गया है।
पिछले कुछ समय से आप लोगों ने यूपीसीसी से संबंधित अ. भा. कांग्रेस के फैसलों पर अनवरत और अनावश्यक रूप से सार्वजनिक तौर पर बैठक करके विरोध किया है। इससे और मीडिया में दिए आपके बयान से पार्टी की छवि खराब हुई है।
पत्र में यह भी कहा गया है, अनुशासन समिति ने आपको कारण बताओ नोटिस जारी करके 24 घंटे में जवाब मांगा था. आपके जवाब से अनुशासन समिति संतुष्ट नहीं है. इसलिए आप सभी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए तत्काल प्रभाव से निकाला जाता है।