कांग्रेस ने 24 साल की इस छात्रनेता को दिया विधानसभा का टिकट , क्या यूपी में होगा कोई करिश्मा ?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा था कि युवाओं और वरिष्ठ नेताओं के बीच की दीवार टूटेगी। उनका मतलब साफ यह कि अब पार्टी युवाओ को भी टिकट देगी। बीते कुछ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपने छात्र संगठन NSUI के नेताओ को टिकट देने का काम किया है। और अब यूपी के उपचुनाव में भी पार्टी छात्र संगठन के महासचिव को टिकट दे रही है। जिस समय इस टिकट का ऐलान हुआ उस समय छात्र नेता चुनाव लड़ने के न्यूनतम उम्र 25 साल की भी नही हुई है मगर नामांकन से पहले वो 25 साल की हो जाएगी।

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों के लिए कांग्रेस ने पांच और सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया. इनमें से कानपुर जिले की गोविंदनगर सीट से कांग्रेस ने एनएसयूआई नेता करिश्मा ठाकुर को मैदान में उतारा है।

दिलचस्प बात ये है कि करिश्मा ठाकुर के टिकट का जब एलान हुआ तब उनकी उम्र 25 साल से दो दिन कम यानी 24 साल थी. रविवार 15 सितंबर को वो 25 साल की जाएंगी जो चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र होती है. 2017 में इस सीट से बीजेपी के सत्यदेव पचौरी ने जीत दर्ज की थी. वो अब कानपुर से लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बन चुके हैं.

करिश्मा ठाकुर वर्तमान में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई की राष्ट्रीय महासचिव हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं. करिश्मा ने 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में सचिव के पद पर जीत दर्ज की थी. उनके पिता यूपी की राजनीति में सक्रिय हैं. वे लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि कामयाबी नहीं मिली. संयोग से करिश्मा ठाकुर के पति विपिन सिंह भी एनएसयूआई नेता हैं और वर्तमान में एनएसयूआई मुम्बई के अध्यक्ष हैं. दोनों की शादी इसी साल फरवरी में हुई है.

फरवरी में जब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रही थीं उसी क्रम में करिश्मा ने प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी और लगे हाथ अपनी शादी का कार्ड (निमंत्रण पत्र) भी प्रियंका को थमा दिया था. जाहिर है प्रियंका गांधी उनकी शादी में तो नहीं पहुंची लेकिन उपचुनाव की टिकट के लिए जब करिश्मा ठाकुर ने आवेदन किया तो इस बार प्रियंका का आशीर्वाद मिल गया.

हालांकि जनता का आशीर्वाद मिलना अभी बाकी है और उत्तर प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कर पाना एक बेहद कठिन चुनौती है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि अपने आक्रमक तेवर और जोशीले भाषणों से युवाओ को आकर्षित करने वाली छात्र नेता अपने पहले विधानसभा चुनाव में कोई करिश्मा कर पाती हैं या नही।

इतने कम उम्र में टिकट मिलने उत्साहित करिश्मा ने साफ तौर पर की कहा, “युवाओं और महिलाओं को कांग्रेस ने हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया है”. गोविंदनगर का विकास नहीं हुआ. मैं युवाओं की बेरोजगारी और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ूंगी.” करिश्मा पिछले कुछ समय से गोविंदनगर में सक्रिय थी जिसके बाद से ही युवाओ के बीच चर्चा था कि इस बार करिश्मा को कांग्रेस के तरफ से टिकट मिलेगा। और अंततः हुआ भी ऐसा ही।

गोविंदनगर सीट के अलावा कांग्रेस ने शुक्रवार को इगलास, टूंडला, गोविंदनगर और घोसी सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किए. उपचुनाव की तारीखों का एलान अभी नहीं हुआ है.

अब देखना है कि लोकसभा में यूपी की 80 में से 1 सीट जितने वाली कांग्रेस विधानसभा चुनाव में कोई बड़ा उलटफेर कर पाती है या नही।

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