55 सीटों के राज्यसभा चुनाव के लिए तारीखों की हुई घोषणा , आंकड़ो के हिसाब से कांग्रेस को होगा फायदा

अप्रैल में राज्यसभा की रिक्त हो रही 55 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव का घोषणा चुनाव आयोग ने कर दिया है। 17 राज्यों की रिक्त हो रही 55 सीटो के लिए ये चुनाव 26 मार्च को होगा।

चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा करते हुए कहा कि राज्यसभा में 17 राज्यों की ये सीटें अप्रैल में रिक्त हो रही हैं। 55 सीटों में सर्वाधिक सात महाराष्ट्र से, छह तमिलनाडू, पांच-पांच सीटें पश्चिम बंगाल और बिहार से, चार-चार सीटें गुजरात और आंध्र प्रदेश से तथा तीन-तीन सीटें राजस्थान, ओडिशा और मध्यप्रदेश से शामिल हैं।

इस चुनाव के वोटों के गणित से अभी तक कि स्थिति के अनुसार इस चुनाव में कांग्रेस को कुछ फायदा होता हुआ दिख रहा है तो वही भाजपा को सीटो के हिसाब से भरपाई हो जाने की भी संभावना है।

राज्यसभा से इस साल जिन प्रमुख नेताओं का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, रामदास आठवले, दिल्ली भाजपा नेता विजय गोयल, कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी शामिल हैं।

फिलहाल भाजपानीत एनडीए और अन्य मित्रदलों की सदस्य संख्या राज्यसभा में 106 और अकेली भाजपा की 82 है। जबकि 425 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत के लिए 123 सदस्यों की आवश्यकता होती है।

गौरतलब है कि 2018 और 2019 में भाजपा को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है, जिसका सीधा असर राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव परिणाम पर पड़ना स्वाभाविक है। दूसरी तरफ, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की स्थिति 245 सदस्यीय राज्यसभा में सुधरेगी।

इस समय भाजपा के राज्यसभा में 83, और कांग्रेस के 45 सदस्य हैं। समीकरण के हिसाब से राज्यसभा में भाजपा की संख्या 83 के आसपास बनी रहेगी और सदन में बहुमत की उसकी आस फिलहाल पूरी नहीं हो पाएगी। जबकि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस को राज्यसभा में अपनी कुछ सीटें बढ़ाने का मौका मिलेगा।

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