लोकसभा चुनाव के बाद लगातार कई संगठनों ने EVM में गड़बड़ी होने की अंदेशा व्यक्त की थी मगर कोई ठोस सबूत ना होने के कारण इस पर कोई करवाई नही हो सकी थी मगर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा लोकसभा चुनावों की अंतिम मतगणना और EVM में विसंगतियों को लेकर दायर की गई याचिका पर भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दिया है।
CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने फरवरी 2020 में सुनवाई के लिए पोल पैनल से जवाब मांगा है. दरअसल, लोकसभा चुनाव में विसंगतियों को लेकर दो एनजीओ ने याचिका दायर की थी. इसी पर आज सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लोकसभा चुनाव 2019 में ईवीएम से चुनाव का मामला चुनाव विश्लेषण संस्था एडीआर द्वारा सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया है.
एडीआर एक चुनावी विश्लेषण संस्था है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एडीआर ने मांग की है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए की वह किसी भी चुनाव के अंतिम फैसले की घोषणा से पहले डाले गए वोट और गिने गए वोटों का पूरा मिलान करें. इस मिलान से पहले चुनावी नतीजों की घोषणा ना की जाए।
इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा 2019 के लोकसभा चुनाव परिणामों से संबंधित आंकड़ों में सामने आईं ऐसी सभी गड़बड़ियों की जांच की मांग की है. चुनाव आयोग की चुनाव प्रक्रिया पर याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने 2019 के सात चरणों के लोकसभा चुनाव में मतदान की घोषणा अपने एप माईवोटर्स टर्नआउट पर की लेकिन सातवें चरण में ये डाटा नहीं दिया गया. सिर्फ मतदान प्रतिशत ही दिया जाने लगा. इतना ही नहीं पुराने मतदान का आंकड़ा भी हटा दिया गया।
ADR के के इस याचिका से पहले भी कई संगठनों ने गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाया था मगर किसी पर चुनाव आयोग को नोटिस नही दी गई थी अब देखना है फरवरी 2020 तक चुनाव आयोग क्या जबाब देता है।