अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है, देश मे एकता व सद्भावना का संदेश राजनैतिक दलो द्वारा दिया जा रहा है खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये किसी की जीत या हार नही है सुप्रीम कोर्ट का फैसला भारत के संविधान की जीत हैं
अगर हम अयोध्या मामले मे हिंदू पक्षकार को लेकर जानना चाहे तो हमारे सामने हिंदू पक्ष व कांग्रेस एक दूसरे के समान नजर आ रही हैं आपको बताये कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में राम मंदिर व बाबरी मस्जिद प्रकरण में राम मंदिर के समर्थन में फैसला करवाने वाले के परासरन कांग्रेस के बेहद नजदीकी रह चुके हैं, वे प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की सरकार के समय 2012 में राज्यसभा में 6 साल के लिये मनोनीत किये गये थे मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही उन्हें सरकार द्वारा पद्म भूषण का पुरस्कार भी दिया जा चुका है
वे इंदिरा गांधी व राजीव गांधी के कार्यकाल में भी 1983 से 1989 तक देश के एटार्नी जनरल भी रह चुके हैं इसका साफ मतलब है कि हिंदू पक्ष में फैसले की पैरवी करने वाले कांग्रेस के बेहद निजी रह चुके है