अलवर के थानागाजी मे हुए दुष्कर्म के बाद राज्य सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस्तीफा मांगनै वाले भाजपा नेता अलीगढ कांड पर चुप्पी साधे हुए है और इस पर बोल रहे है वो हिंदू मुस्लिम कर रहे है
बलात्कारियो को हिंदू मुस्लिम की नजर से देखऩा भी एक प्रकार की बिमारी से कम नही है सबको पता है आतंकवादी, बलात्कारी व अपराधी किसी भी धर्म को नही मानते हैं लेकिन फिर भी एेसे मामलो पर हिंदू मुस्लिम कर अपनी योगी सरकार को बचाने का काम कुछ लोग कर रहे है
अनुपम खेर कहते है कि जस्टिस कीजिये लेकिन वो किसे कह रहे है समझ से बाहर है भारत का प्रधानमंत्री उनकी पार्टी से, यूपी का मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से फिर वो किससे न्याय का गुहार कर रहे है?
एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो राजस्थान के अलवर जिले के थानागाजी मे हुए गैंगरेप के बाद मायावती को ये नसीहत देते है कि वो राजस्थान सरकार से अपना समर्थन वापस ले ले और आज वो अलीगढ की घटना पर चुप है? क्या ये दोहरापन ही देश को शर्मसार कर रहा है? अलवर गैंगरेप पीडिता को राज्य सरकार ने कांस्टेबल की नौकरी देकर न्याय की कोशिश की लेकिन अलीगढ मे मासूम की हत्या के बाद उनकी सरकार के मंत्री कहते हैं कि ये तो सामान्य बात है ऐसी घटनाए होती है?
अभी भी कुछ लोग इसका विरोध नही कर रहे है ना विपक्ष इस पर प्रखरता से आवाज उठा रहा और ना मीडिया इसको तरजीह दे रहा है आखिर ऐसा कौनसा कारण है कि अभी तक नरेंद्र मोदी का अलीगढ घटना पर ट्वीट नही आया? क्या हमारे प्रधानमंत्री सवालो से बचना चाहते है?
वही दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी ने अलीगढ मे हुए कुकृत्य के बाद ट्वीट कर इसकी निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन को सख्त कार्यवाही करने की मांग की है
लेकिन आज भी सवाल यही है कि आखिर यूपी मे कानून व्यवस्था इतनी लचर क्यो है?